कोरबा: 55 वर्ष व गर्भवती महिलाओं को कोविड ड्यूटी से मुक्त करने की जिला तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने की मांग..जिला शिक्षा अधिकारी की तानाशाही रवैया से परेशान हैं कर्मचारी.

कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जिला शाखा कोरबा के जे पी उपाध्याय जिलाध्यक्ष ने 45 वर्ष से कम उम्र के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को कोविड वैक्सीन लगाने हेतु निर्देश करने की मांग की है करोना ड्यूटी में लगे 45 वर्ष से कम आयु के कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के बाद ही कोरोना ड्यूटी का दायित्व दिया जाए. संक्रमण की रोकथाम हेतु कर्मचारियों की ड्यूटी अस्पताल, श्मशान घाट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड चेक पोस्ट, कांट्रैक्ट ट्रेसिंग, कोविड सेंटर, कोरोना सेंटर ट्रेसिंग आदि में लगाया गया है. कर्मचारी बढ़ते संक्रमण के बीच अपनी जान को जोखिम में डालकर दायित्व का निर्वाह कर रहे है यह आश्चर्यजनक विषय है की करोना की ट्रेसिग के लिए जिन कर्मचारी की डयूटी लगती है उनके लिए वैक्सीन या टीकाकरण का कोई प्रमाणिक नियम नहीं है

अतःआवश्यक रूप से आयु बंधन समाप्त कर टीकाकरण के बाद ही कर्मचारियों को करो ना ड्यूटी में आबद्ध किया जाए एवं रोटेशन के आधार पर कर्मचारियों को कार्य पर लगाई जाए साथ ही इन्हें कोरोना वेरियर्स प्रदान किया जाए मृत्य कर्मचारियों के परिवार को अनुकंपा नियुक्ति तत्काल प्रदान करें अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में शिथिलता भी प्रदान करें.

55 वर्ष व गर्भवती महिलाओं को कोविड ड्यूटी से किया जाए मुक्त

जिला शिक्षा अधिकारी की तानाशाही रवैया स्पष्ट हो रही है शासन के निर्देशों का अवहेलना करते हुए 55 वर्ष की आयु एवं गर्भवती महिलाओं को कार्य से मुक्त रखना है. किंतु श्री सतीश पांडे जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा तानाशाही रवैया अपनाकर कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं जिसके कारण कर्मचारियों में भय व्याप्त है और दबाव पूर्ण कार्य कराया जा रहा है. चेक पोस्ट में लगे हुए कर्मचारियों को भी रोटेशनके आधार पर कार्य करने के लिए आदेशित करना उचित होगा. कर्मचारी वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए तन मन धन से कार्य कर रहे हैं.