कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) अंकित सिंह : आज कोरबा वनमंडल में मानव हाथी द्वंद के रोकथाम के लिए एक दिवसीय कार्यशाला रखा गया था जिसमे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रोजेक्ट एलीफैंट के सदस्य एव भूतपूर्व मुख्य वन संरक्षक श्री किशोर कुमार बिसेन एवं वनमंडलाधिकारी श्रीमती प्रियंका पांडेय के द्वारा कोरबा एवं कटघोरा के हाथी मित्र दल के सदस्यों, ग्रामीणों में कौशल क्षमता विकास किया गया। मानव हाथी द्वंद को किस तरह मानव हाथी सहयोग में बदला जा सकता है। उन्होंने अधिकारी और ग्रामीणों को हाथियों के बारीकियों से अवगत कराया और कब क्या करना है और क्या नही करना है इसकी जानकारी दी।
जिले के कोरबा व कटघोरा वनमंडल में हाथियों का विचरण लम्बे समय से चला आ रहा है। जिसकी वजह से हाथी और मानव के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। पड़ोसी राज्य झारखंड एवं ओड़ीसा से आए हाथी वर्तमान में छत्तीसगढ़ को अपना मूल रहवास बना लिया है जिसकी वजह से हाथियों का रहवास क्षेत्र का दायरा बढ़ाते जा रहे है। इन हाथियों को रोकना वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी के लिए किसी चुनोती से कम नही है। इस द्वंद को कम करने की दिशा पर वनविभाग द्वारा लगतार पहल की जा रही है। इस कड़ी में कोरबा वनमंडल के सभा कक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें हाथियों की इकोलॉजी, बायोलॉजी, व्यवहार एवं लोनर हाथी के विचरण और प्रबंधन पर प्रशिक्षण दिया गया। मानव हाथी द्वंद प्रबंधन के लिए हाथियों के स्वभाव के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।