कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ):- हरेली तिहार के अवसर पर पाली विकासखण्ड के ग्राम पंचायत सेन्द्रिपाली में पाली तानाखार विधायक एवं मुख्यमंत्री अधोसंरचना उन्नयन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मोहितराम केरकेट्टा ने आज सेन्द्रिपाली गौठान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा अर्चना की और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इसके बाद उन्होंने गौमाता को चारा खिलाया और उसकी पूजा की। इस दौरान कोरबा जिला कलेक्टर संजीव झा, राज्य गौ सेवा आयोग सदस्य प्रशांत मिश्रा, राज्य श्रम कल्याण आयोग सदस्य नवीन सिंह ठाकुर, जिला पंचायत सीईओ नूतन सिंह, जनपद पंचायत अध्य्क्ष पाली दमयंती सेन्द्राम, जनपद पंचायत पाली सीईओ वी के राठौर, जनपद सदस्य श्यामा पांडेय, सुरेश गुप्ता, अनिल गुप्ता , सत्तू श्रीवास सरपंच व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ साथ बडी संख्या में ग्रामीण जंन मौजूद थे।
हरेली तिहार कार्यक्रम में उपस्थित जिला कलेक्टर संजीव झा ने कहा कि दो साल पहले 20 जुलाई 2020 को राज्य में हरेली पर्व के दिन से ही गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी की शुरूआत हुई थी। गोबर से गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे है। इसके चलते राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गौ-मूत्र की खरीदी राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी। इसी को ध्यान में रखकर गौ-मूत्र की खरीदी शुरू की जा रही है। इससे पशुपालकों को अब पशुधन के गौ-मूत्र को बेचने से जहां एक ओर अतिरिक्त लाभ होगा, वहीं दूसरी ओर महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, गौ-मूत्र की कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इसका उपयोग किसान भाई रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में कास्ट लागत कम होगी और उत्पादित खाद्यान्न की विषाक्तता में कमी आएगी। गोधन न्याय योजना राज्य के ग्रामीण अंचल में बेहद लोकप्रिय योजना साबित हुई है, इसके जरिए गोबर विक्रेताओं को अतिरिक्त लाभ होने के साथ-साथ महिला समूहों को गोबर से कम्पोस्ट खाद एवं अन्य उत्पाद तैयार करने से आय एवं रोजगार का जरिया मिला है। महिला समूह को अपने उत्पाद बेचने के लिए अब जिले में स्थापित सी मार्ट के जरिये वे यहां अपने उत्पाद को बेचकर अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं।
गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने बने सहभागी
पाली तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार गोबर के बाद अब गोमूत्र खरीदने जा रही है। हरेली तिहार के मौके पर आज से गो-मूत्र की खरीदी शुरू हो गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत हर जिले के 2 गोठानों में गौ-मूत्र की खरीदी करेगी। कृषि विकास कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा गो-मूत्र खरीदने 4 रुपये प्रति लीटर कीमत तय की गई है। खरीदे गए गो-मूत्र से जीवामृत और कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाएंगे। गौमूत्र से महिला स्व-सहायता समूह की मदद से जीवामृत और कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किये जाएंगे। इससे ग्रामीणों को रोजगार और आय के नया जरिया मिलने के साथ जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और कृषि लागत कम होगी। विधायक श्री केरकेट्टा ने कहा है कि ”परंपराओं को आधुनिक जरूरतों के अनुसार ढालना सामूहिक उत्तरदायित्व का काम है। आशा है सभी जिले वासी अपने पारंपरिक लोक मूल्यों को सहेजते हुए गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए सहभागी बनेंगे.”
दो साल पहले शुरू हुई थी गोबर खरीदी
राज्य गौ सेवा आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा ने कहा कि 2 साल पहले प्रदेश में हरेली पर्व के दिन से ही गोधन न्याय योजना के तहत गोठानों में 2 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी की शुरुआत हुई थी। गोबर से गोठानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा चुके हैं, जिससे प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गो-मूत्र की खरीदी राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी। पशुपालकों को गो-मूत्र बेचने से अतिरिक्त आय होगी यानी आर्थिक लाभ वाले व्यापार से जुड़ जाएंगे। महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, गो-मूत्र की कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाने से समूहों को रोजगार और आय का एक और जरिया मिलेगा। जीवामृत और गो-मूत्र का उपयोग किसान रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में कास्ट लागत कम होगी। उत्पादन में विषाक्तता में कमी आएगी।
गोधन न्याय योजना के बाद अब पशुपालकों को गौमूत्र बेचकर अतिरिक्त आय होगी
कार्यक्रम में उपस्थित राज्य श्रम कल्याण आयोग के सदस्य नवीन सिंह ठाकुर ने सबसे पहले कोरबा जिला के नवपदस्थ कलेक्टर संजीव झा का स्वागत किया और उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार देश में पहली गोबर खरीदने वाली सरकार के रूप में जानी जाता है। लेकिन अब प्रदेश सरकार किसानों के लिए एक और अहम कदम उठाने जा रही है। दो रुपए प्रति किलोग्राम गोबर खरीदी के बाद सरकार अब गौमूत्र की खरीदी भी शुरू करने जा रही है। सरकार ने इसके लिए कम से कम चार रुपए प्रति लीटर की दर तय कर दी है। इसके अलावा गौठान प्रबंध समिति गौमूत्र खरीदी की दर स्थानीय स्तर पर भी तय कर सकती हैं। इस योजना की शुरुआत हरेली तिहार से 28 जुलाई हरेली तिहार से हो रही है। पहले चरण में प्रत्येक जिले के दो चयनित स्वावलंबी गौठानों में गौमूत्र की खरीदी की जाएगी। गौमूत्र की खरीदी से राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे पशुपालकों को गौमूत्र बेचकर अतिरिक्त आय होगी। वहीं महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, कीट नियंत्रक उत्पाद आदि तैयार किए जाने से रोजगार का जरिया मिलेगा। इन जैविक उत्पादों का उपयोग किसान भाई रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में लागत कम होगी।