कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) अजय राय:–सिवरेज के पानी को पुनः उपयोग में लाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत् उत्पादन कंपनी कोरबा पश्चिम द्वारा विभागीय चिकित्सालय में सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किया गया।
सुरक्षा व देख रेख के दृष्टिकोण से एसटीपी को आपातकालीन चिकित्सा ब्लॉक के पार्किंग समीप स्थापित किया गया।
वर्ष 2019–20 में आवासीय परिसर में सिवरेज लाईन बिछाने और जूनियर क्लब के पीछे मेगा एसटीपी संयंत्र लगाने का कार्य उत्तर प्रदेश की कंपनी मे. पाल कंस्ट्रक्शन को प्राप्त हुआ ।
इस दरमियान उक्त कंपनी द्वारा एचटीपीएस चिकित्सालय में भी सब एसटीपी प्लांट स्थापित किया गया जिसकी अनुमानित खर्च 5 लाख से 7 लाख रही।
एसटीपी तो लगा पर उपयोग में एक दिन भी नही लाया गया
चिकित्सालय परिसर स्थित गार्डन में सिंचाई के मकसद से लगाए गए सब एसटीपी संयंत्र के स्थापना के 3 वर्ष के बाद भी इसका उपयोग नहीं किया हो रहा था।जिससे संयंत्र में लगाए गए उपकरण जस की तस स्थिति में थे,या यू कहे की बिना उपयोग के नए जैसे थे।
विभागीय सुरक्षा कर्मियों की नाकामयाबी उजागर
ऐसा नहीं है की पहली दफा चोरी की घटना एचटीपीएस अस्पताल परिसर में घटी हो।इसके पूर्व भी 3 से 4 दफा चिकित्सालय में चोरी की घटना घट चुकी है जिसमे कीमती उपकरण और महंगी दवाइयां भी शामिल है।ऐसे में लगातार घट रही चोरी की घटनाओं में सीएसईबी के विभागीय सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही साफ उजागर होती है।
दर्री पुलिस को नही दी जाती वारदात की जानकारी
अमूमन ऐसा देखा गया है की आवासीय परिसर हो या संयत्र भीतर घटित चोरी के संबंध में जिम्मेदार अधिकारी इसकी सूचना पुलिस को नही देता जिससे चोरों के हौसले और भी बढ़ जाते हैं।
चोरी की घटनाओं में हुआ एकाएक इजाफा
एचटीपीएस संयंत्र होने की वजह से आवासीय परिसर के समीप श्रमिक बस्तियां स्थापित हो गई है।जिसका फायदा उठाते हुए चोर भी देर रात में अपने शिकार ढूंढ कर खपाने में उस्ताद हो गए है।