कोरबा: वन अधिकार मान्यता पत्र बनाने की धीमी गति पर कलेक्टर ने जताई नाराजगी एक सप्ताह में ग्राम सभाओं से पात्र आवेदनों का अनुमोदन कराकर भेजने के दिए निर्देश समय सीमा की बैठक में हुई समीक्षा..



कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा :- कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज वीडियो कांफें्रसिंग के माध्यम से हुई समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में वन अधिकार मान्यता पत्र बनाने की धीमी गति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की।

उन्होंने सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, राजस्व एवं वन अमले के साथ-साथ आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त को सभी पात्र हितग्राहियों के वन अधिकार मान्यता पत्र बनाने के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने अगले एक हफ्ते में हर गांव में ग्राम सभाओं का आयोजन कर वन अधिकार पट्टे के लिए प्राप्त आवेदनों का परीक्षण-निरीक्षण करके पात्र हितग्राहियों के प्रस्तावों का अनुमोदन सुनिश्चित कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। जिले में लक्ष्य अनुसार तीन हजार 960 सामुदायिक पट्टे वितरित होने हैं, जिनमें से अभी तक केवल एक हजार 35 आवेदन ही प्राप्त हुए हैं।

कलेक्टर ने सामुदायिक पट्टों के प्रकरण लक्ष्य अनुसार तैयार करने के निर्देश दिए और व्यक्तिगत पट्टों के लिए पात्र सभी हितग्राहियों के प्रकरणों को ग्राम सभाओं में अनुमोदन कराकर विकासखंड स्तरीय समिति को भेजने के निर्देश दिए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री कुंदन कुमार, नगर निगम आयुक्त श्री एस.जयवर्धन, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सूर्यकिरण तिवारी सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। वीडियो कांफे्रंसिंग के माध्यम से सभी एसडीएम तथा ब्लाक स्तरीय अधिकारी भी समय सीमा की बैठक में शामिल रहे।
बैठक में कलेक्टर ने जिले में सड़कों के मरम्मत के कामों की भी जानकारी लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री से ली। उन्होंने पाली से डूमरकछार के बीच सड़क मरम्मत का काम नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए कटघोरा एसडीएम को सत्त मानिटरिंग करने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने सड़क मरम्मत के कामों में लगे ठेकेदारों सहित निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों और सभी सार्वजनिक उपक्रमों के प्रतिनिधियों की भी बैठक आहूत करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिले के ग्रामीण इलाकों में लगने वाले पारंपरिक हाट-बाजारों की भी जानकारी अधिकारियों से ली। उन्होंने ऐसे सभी हाट-बाजारों को पूर्व की तरह ही संचालित कराने के इंतजाम कराने के निर्देश सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को दिए। उन्होंने हाट-बाजारों में कोविड प्रोटोकाॅल के पालन के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना भी सुनिश्चित कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने बाजारों में आने वाले ग्राहकों और दुकान लगाने वाले सभी दुकानदारों को मास्क पहनना अनिवार्य करने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने बाजारों में पहले की तरह ही चलित मेडिकल टीम के भी उपस्थित रहने के निर्देश भी दिए।
बैठक में कलेक्टर ने जिले में गिरदावरी के कामों की भी समीक्षा की। सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि कोरबा जिले में गिरदावरी की शत प्रतिशत एंट्री भुईंयां पोर्टल में कर दी गई है। कोरबा जिला गिरदावरी के आंकड़ों की इंट्री में पूरे प्रदेश में पहला जिला है। कलेक्टर ने इस पर राजस्व अधिकारियों की तारीफ की और गिरदावरी के अनुसार ही आने वाले समय में धान खरीदी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने बैठक में धान खरीदी के लिए तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने धान खरीदी केंद्रों में चबूतरा निर्माण, बारदानों की व्यवस्था, तौल-कांटों की व्यवस्था के साथ-साथ नमी मापक यंत्रों और जरूरी मानव संसाधन की उपलब्धता पहले से ही सुनिश्चत करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिले के मक्का उत्पादक किसानों का पंजीयन भी मक्का खरीदी के लिए करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने गौधन न्याय योजना के तहत खरीदे गये गोबर की प्रतिदिन जानकारी जिला पंचायत के सेल में अनिवार्यतः भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने खरीदे गये गोबर की मात्रा से लेकर वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए उपयोग किये गये गोबर, गोबर के रख-रखाव आदि के बारे में भी अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। श्रीमती कौशल ने सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों को ग्राम पंचायतों में प्रतिदिन की जा रही गोबर खरीदी का सत्त निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए।