कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : धान खरीदी केंद्र में तैनात फड़ प्रभारी प्रबंधक ने गंभीर आरोप लगाए हैं. संघ के पदाधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि अधिकारी धान खरीदी के लिए पटवारियों के जारी उत्पादन प्रमाण पत्र के रकबे से भी कम मात्रा में धान खरीदी करने का मौखिक आदेश देकर दबाव बना रहे हैं. इतना ही नहीं, आदेश का पालन नहीं करने पर फड़ प्रभारियों पर कार्रवाई भी की जा रही हैं. इससे फड़ प्रभारियों का संगठन बेहद आक्रोश में है, उन्होंने प्रशासन को मांग पत्र सौंपते हुए 28 दिसंबर से धान खरीदी बंद करने तक की चेतावनी प्रशासन को दे दी है.
हड़ताल करने की चेतावनी
नाराज सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने 6 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की स्थिति में ही धान खरीदी करने का ऐलान किया है. संघ ने कलेक्टर और उप पंजीयक सहकारी संस्थाओं को मांगों पर 27 दिसंबर तक विचार कर प्रशासन के निर्णय से अवगत कराने की बात कही है. प्रशासन के निर्णय नहीं लेने पर कर्मचारियों ने 28 दिसंबर से धान खरीदी कार्य का बहिष्कार कर हड़ताल पर रहने की चेतावनी दी है.
सहकारी समिति संघ की मांग
फड़ प्रभारियों ने लगाया आरोप
फड़ प्रभारियों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रशासन के आला अधिकारी समिति प्रबंधकों पर कार्रवाई का भय दिखाकर कम धान खरीदी का दबाव बना रहे हैं. उनका कहना है कि पटवारी के जारी किए गए उत्पादन प्रमाण पत्र में दर्ज रकबा से भी 30 से 40 फीसदी तक कम धान खरीदी करने का दबाव बनाया जा रहा है. कोरबा जिले के जिन समितियों में प्रशासन ने मौखिक रूप से दिए गए लक्ष्य से अधिक मात्रा में धान खरीदी होती नजर आ रही है, वहां के प्रबंधकों, फड़ प्रभारियों, कम्प्यूटर ऑपरेटरों को हटाए जाने की साजिश चल रही है.
अब तक हुई कार्रवाई
बुधवार को कोरबा एसडीएम सुनील नायक के प्रतिवेदन पर अपर कलेक्टर ने बरपाली (श्यांग) के प्रभारी प्रबंधक चंद्रेश कश्यप को हटाकर बरपाली (श्यांग ) के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी सज्जाद मोहम्मद को प्रभारी प्रबंधक बना दिया है. कम्प्यूटर ऑपरेटर फिरोज खान को 90 किलोमीटर दूर कोरबा शहर से लगे दादरखुर्द स्थानांतरण कर दिया है. वहीं दादरखुर्द के ऑपरेटर संतोष पटेल को बरपाली ( श्यांग ) में पदस्थ कर दिया है.
इससे पहले पठियापाली के फड़ प्रभारी श्यामलाल यादव और अखरापाली के कम्प्यूटर ऑपरेटर गुलशन पटेल को भी हटाया जा चुका है. बुधवार को जारी किए गए आदेश में धान उपार्जन कार्य के सुव्यस्थित कार्य संचालन का हवाला दिया गया है. जबकि इस तरह का आदेश अनियमितता बरतने पर धान खरीदी के मध्यावधि में किया जाता है.
बताया जा रहा है कि प्रशासन के मौखिक धान खरीदी लक्ष्य को सफल नहीं बनाने वाले समिति के कर्मचारियों के खिलाफ यह कार्यवाई की गई है. प्रशासनिक अधिकारियों के इस कार्यवाई को समिति प्रबंधक पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए अब विरोध प्रदर्शन का मन बना चुके हैं.