कोरबा/कटघोरा 22 अक्टूबर 2022 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : वन मंडल कटघोरा अंतर्गत वन परीक्षेत्र पसान के जल्के सर्किल के ग्राम बनिया में दिनांक 20 अक्टूबर को एक 2 वर्षीय शावक हाथी के मृत होने की सूचना वन विभाग को प्राप्त हुई, तत्पश्चात कटघोरा वनमंडलाधिकारी प्रेमलता यादव के निर्देश पर व कटघोरा उपमंडलाधिकारी संजय त्रिपाठी के नेतृत्व में वन अधिकारी एवं कर्मचारी मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की तो जानकारी मिली कि बनिया गाव के एक दर्जन से अधिक आरोपियों ने मृत हाथी को चोरी छुपे दफना दिया है। यह तथ्य भी जांच के दौरान सामने आया की स्थानीय जनप्रतिनिधि व जनपद सदस्य कोमल सिंह नामक एक आरोपी द्वारा दिनांक 18 अक्टूबर को वन विभाग को यह धमकी दी गई थी कि वह हाथियों को मार देगा।
शावक हाथी का शव जिस खेत से बरामद किया गया उस खेत का मालिक महाबलेश्वर द्वारा देखा गया, और उसी रात कोमल सिंह के कहने पर गांव के 8, 9 सहयोगियों के साथ खेत में नन्हे शावक हाथी को मारकर दफन कर दिया गया। कोमल सिंह के द्वारा जो धमकी दी गई थी उसका वीडियो क्लिप भी वायरल हुआ है। वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा। वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद विभागीय विधि विधान के साथ शव को दफना दिया गया। गोपनीय ढंग से हाथी का शव दफनाने के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है साथ ही मामले का मुख्य आरोपी जनपद सदस्य कोमल सिंह अभी भी फरार है।
जिन आरोपियों की वन विभाग द्वारा गिरफ्तारी की गई है उसमें कोमल कुमार पिता विष्णु मंगल उम्र 51 वर्ष, महाबलेश्वर सिंह पिता रामखिलावन उम्र 53 वर्ष, लखेश्वर प्रताप सिंह पिता जगदीश चंद्रमणि उम्र 32 वर्ष, जगदीश चंद्रमणि पिता भगवंत सिंह उम्र 57 वर्ष, उदय कुमार पिता विष्णु मंगल उम्र 45 वर्ष, धन सिंह पिता आनंद राम उम्र 40 वर्ष, कृपाल कुमार पिता सुखनंदन उम्र 28 वर्ष, अरुण कुमार पिता सूर्य कुमार उम्र 24 वर्ष चंद्रशेखर पटेल पिता पंचराम पटेल उम्र 16 वर्ष, सूरज कुमार पिता छत राम उम्र 31 वर्ष, राजेंद्र पिता आनंद राम उम्र 35 वर्ष, घूरन दास पिता मानिक दास उम्र 35 वर्ष, जगत श्रीवास पिता झिटकु राम उम्र 40 वर्ष के खिलाफ वन अधिनियम 1972 की धारा 9,39 (1) घ, 2 (14) एवं 16 ग, 50 (5), 51 दर्ज कर कुल 13 आरोपियों में से 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें मुख्य आरोपी कोमल सिंह पिता विष्णु मंगल सिंह अभी फरार है। गिरफ्तार सभी आरोपियों को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया एवं उनके आदेश से सभी आरोपियों को रिमांड पर जेल भेज दिया गया।