कोरबा 23 जनवरी 2024 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) :कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में मानव-हाथी द्वन्द्व रोकने हेतु गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने जिले के वनांचल क्षेत्रों में हाथी-मानव द्वंद को कम करने तथा जंगली हाथियों से किसी तरह की जनहानि न हो, इस संबंध में प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र शुक्ला, वनमण्डलाधिकारी कोरबा श्री अरविंद पीएम, वनमण्डलाधिकारी कटघोरा श्री कुमार निशांत, विद्युत, खाद्य, उद्यानिकी, आबकारी सहित अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने हाथियों को रिहायशी क्षेत्रों से दूर रखने में लगी टीम को सतर्क रहने एवं मुस्तैदी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने हाथी विचरण क्षेत्रों में वन्य प्राणियों को नुकसान पहुँचाने वाले विद्युत तारों को दुरुस्त कराते हुए निर्धारित ऊँचाई तक बढ़ाने की बात कही। इस हेतु विद्युत विभाग को वन विभाग के माध्यम से प्राप्त सूची के अनुसार इन क्षेत्रों में कम ऊंचाई वाले विद्युत तारों की आवश्यकतानुसार ऊपर बढ़ाने एवं अवैध हुकिंग पर भी कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। उन्होंने हाथी प्रभावित क्षेत्रों में स्थित धान उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी, उठाव एवं परिवहन शीघ्रता से कराने के लिए कहा। साथ ही इन क्षेत्रों में क्रेडा के माध्यम से सोलर हाईमास्ट लाईट लगाने हेतु डीएफओ कटघोरा को ऐसे स्थानों की सूची तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने हाथी विचरण क्षेत्रों में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने हेतु उद्यानिकी विभाग को कार्ययोजना तैयार कर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किसी एक गांव में कार्य प्रारंभ करने की बात कही। कलेक्टर ने आबकारी अधिकारी को वनांचलों में अवैध महुआ लाहान, महुआ शराब के निर्माण व भण्डारण पर भी निरंतर कार्यवाही करने के लिए कहा। साथ ही पुलिस विभाग को जिले में हाथियों से जान-माल की क्षति को बचाने के लिए वन विभाग का पूर्ण सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए। बैठक में हाथियों द्वारा किए जाने वाले फसलों एवं जनहानि की घटनाओं पर यथाशीघ्र मुआवजे का वितरण कराने हेतु वन विभाग को निर्देशित किया गया। कटघोरा वनमण्डलाधिकारी श्री कुमार निशांत द्वारा हाथी-मानव द्वन्द रोकने की दिशा में विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही के संबंध में भी विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि क्षेत्र में जंगली हाथियों के आगमन की सूचना ग्रामीणों को विभाग द्वारा प्राथमिकता से दी जाती है एवं ग्रामीणों को अनावश्यक जंगलों में नहीं जाने हेतु जागरूक भी किया जा रहा है।