कोरबा : महिला एवं बाल विकास विभाग में डीएमएफ से मां-बच्चों के बजाए “भ्रष्टाचार का विकास”, सवा 5 करोड़ का घोटाला आया सामने.. घोटाले बाज के ऊपर गिर सकती है गाज….

 

कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) :  आकांक्षी जिला कोरबा में विकास के नाम पर सरकारी विभाग के अधिकारी किस कदर भ्रष्टाचार व घोटाला कर रहे हैं यह कोरबा के महिला एवं बाल विकास विभाग में डीएमएफ से किए गए पूरक पोषण आहार खरीदी से समझा जा सकता है, जिसमें 3 साल के भीतर सवा 5 करोड़ से अधिक का घोटाला हो गया।

विधानसभा से 5 करोड़ 29 लाख के आबंटन की जानकारी छिपाए जाने से नाराज संचालक ने जिम्मेदारों का चिन्हाकंन कर कार्रवाई करने के लिये कलेक्टर से प्रतिवेदन मांगा है। कोरबा कलेक्टर द्वारा इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई है, और किस तरह की जांच कराई गई है इसकी जानकारी फिलहाल नहीं हो सकी है। इस प्रकरण के संबंध में जारी पत्रों के अनुसार कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा ने जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ ) से पिछले 3 वित्तीय वर्षों में प्राप्त आबंटन में विधानसभा को गलत जानकारी भेजकर सदन को गुमराह किया है।

शीतकालीन बजट सत्र और अंतरिम बजट में समान सवालों के जवाब के संदर्भ में प्रेषित जानकारी में डीएमएफ से प्राप्त आबंटन में 5 करोड़ 29 लाख 62 हजार 488 रुपए का अंतर आया है। साथ ही तीनों वित्तीय वर्षों में डीएमएफ मद से प्राप्त कुल आबंटन 50 करोड़ 35 लाख 19 हजार 759 रुपए में आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार,अंडा, केला, लड्डू इत्यादि खाद्य सामग्री खरीदी में भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया जाना पाया गया है। इससे नाराज संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग ने कलेक्टर को पत्र लिखकर विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 599 का कोरबा जिले से प्रेषित उत्तर एवं भण्डार क्रय नियम के प्रावधानों के अधीन सुसंगत कार्यवाही एवं जांच प्रतिवेदन मांगा है। पत्र से महिला एवं बाल विकास विभाग में खलबली मची है। महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कोरबा को जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ ) मद से पिछले 3 वित्तीय वर्षों 2019 -20 ,2020 -21 एवं 2021 -22 में प्राप्त आबंटन व सामग्री क्रय की प्रक्रिया पर विधानसभा में भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने तारांकित प्रश्न क्रमांक 599 के माध्यम से शीतकालीन सत्र में जानकारी मांगी थी। समयावधि में व संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ग्रीष्मकालीन अंतरिम विधानसभा सत्र में भी श्री अग्रवाल ने तारांकित प्रश्न क्रमांक 650 के माध्यम से पुनःजानकारी मांगी । इसका जवाब 20 जनवरी 2023 को भेज दिया गया। उक्त दोनों प्रश्नों के कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग को प्रेषित जानकारी में भिन्नता पाई गई है। कोरबा जिले द्वारा कंडिका -ख में दी गई जानकारी में अधिकांश कार्य में सामाग्री की मात्रा /हितग्राही संख्या तथा दर का उल्लेख नहीं है। कतिपय सामाग्री कोटेशन से खरीदी गई है किंतु सामाग्री क्रय की प्रक्रिया में सीएसआईडीसी एवं जेम टेंडर से क्रय किए जाने का उल्लेख किया गया है। कलेक्टर को लिखे पत्र में उल्लेख किया गया था कि जिले से स्पष्ट जानकारी प्राप्त न होने के फलस्वरूप माननीय विधानसभा को जानकारी प्रेषित नहीं किया गया है। दोनों प्रश्नों के प्रेषित जानकारी में 5 करोड़ 29 लाख 62 हजार 488 रुपए का अंतर है जिसमें कलेक्टर को कार्यवाही कर प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए गए हैं। संचालक,महिला एवं बाल विकास विभाग ने 24/02 /2023 को पुनःकलेक्टर कोरबा को पत्र लिखकर जांच प्रतिवेदन मांगा है।

राज्य भंडार क्रय नियम का नहीं किया पालन, समूहों से सीधे क्रय

संचालक ने कलेक्टर कोरबा को लिखे पत्र में उल्लेख किया गया है कि पूरक पोषण आहार अंतर्गत विभिन्न प्रकार की खाद्य सामाग्रियो अंडा , केला , लड्डू,इत्यादि का क्रय स्व सहायता समूहों से किए जाने का उल्लेख है। राज्य भंडार क्रय नियम के नियम -8 के तहत राज्य शासन के अन्य विभागों एवं उनके उपक्रमों से सामाग्रियों का क्रय के उपनियम 8 .1 के अनुसार पूरक पोषण आहार अंतर्गत विभिन्न प्रकार की खाद्य सामाग्रियों अंडा ,केला ,लड्डू,इत्यादि का क्रय स्व सहायता समूहों से सीधे किए जाने का प्रावधान नहीं है।

उत्तरदायी अधिकारियों का चिन्हांकन कर कार्रवाई के निर्देश

संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग ने कलेक्टर को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि आपके जिले से प्रेषित उत्तर से प्रतीत होता है कि जेम पोर्टल व अन्य प्रक्रिया से क्रय की गई सामाग्री में भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है। यदि भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है तो इसके लिए उत्तरदायी अधिकारियों का चिन्हांकन कर सिविल सेवा आचरण नियमों के अधीन कार्यवाही का प्रस्ताव प्रेषित करेंगे