कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) :- क्या कभी आपने खनिज विभाग द्वारा अवैध शराब, गांजा पर या आबकारी विभाग के द्वारा खनिज मामले पर कार्यवाही करते देखा या सुना है, लेकिन कटघोरा वनमंडल इन दिनों वन कटाई एवं वन भूमियों में संसाधनों की चोरी करने वाले लोगों की धर पकड़ के बजाय खनिज, पुलिस का काम कर रही है, यानि कि कोयला चोरी मामले की कार्यवाही में लगी है। जो जमकर चर्चा में है।
पाली के समीप बुड़बुड़ में सराईपाली परियोजना अंतर्गत ओपन कास्ट खदान का संचालन हो रहा है। जहां यदा- कदा कोयले की चोरी एवं तश्करी का खेल स्वभाविक है। बीती बुधवार की रात भी करीब 09 बजे काले हीरे का यह काला कारोबार जारी था जिसमे संचालित खदान के समीप बसे ग्राम तालापार में चोरी का संग्रहित कर रखे गए लाखों कीमती 40- 45 टन कोयला को जेसीबी की मदद से ट्रेलर क्रमांक CG 11 BF 9343 में लोड किया जा रहा था। इसी दौरान पाली वन परिक्षेत्र अमले की टीम ने मौके पर दबिश दी, जिसे देखकर चोर वर्ग मौके से भाग गए। वन अमले की टीम ने भी जेसीबी, ट्रेलर व कोयला जब्ती की कार्यवाही शुरू कर दी। जबकि उक्त अवैध कार्य न तो वनभूमि पर हो रहा था और न ही वन संसाधन से जुड़े मामले थे। वही कायदे से जब्त चीजों को पुलिस को सौंपना था। किन्तु मामले की सूचना पर मौके पे पहुँची राजस्व अधिकारी एवं पुलिस की टीम को वन विभाग के अमले ने विभागीय कार्यवाही का हवाला देते हुए चलता कर दिया।
बता दें कि पाली वन अमले ने इसके पूर्व भी खदान के मिट्टी डंपिंग यार्ड के बाहरी क्षेत्र से कोयला चुन जलाऊ के लिए घर ले जा रहे करीब आधा दर्जन ग्रामीणों को कोयला चोरी के मामले में पकड़ा था और उन ग्रामीणों से 5- 5 हजार जुर्माना राशि वसूला गया था। उक्त कार्यवाही को लेकर जब पाली उप वनमंडल के एक अधिकारी से बात की गई थी तब उन्होंने कहा था कि वन के रास्ते कोयला ले जाने की कार्यवाही कर जुर्माना राशि वसूला गया है। अब ऐसे में उस अधिकारी के कथनानुसार वनमार्ग पर पैदल चलना भी अपराध की श्रेणी में आएगा। वन विभाग की इस कार्यवाही को देखने- सुनने वाले लोग भी हैरान है और यह सोचने पर मजबूर है कि आखिर वन विभाग कब से पुलिस, खनिज विभाग की कार्यवाही करने लगा और यदि ऐसा है तो विभाग अवैध रेत, मुरुम, शराब, गांजा इत्यादि अन्य अवैध कार्यों पर कार्यवाही क्यों नही कर रही।
खनिज विभाग को दी गई जानकारी
पाली उप वनमंडल में बड़े पैमाने पर इमारती पेड़ों की कटाई हो रही है, वनभूमि पर जगह- जगह अतिक्रमण किया जा रहा है। जिस ओर वन विभाग का ध्यान नही है, जबकि अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर की कार्यवाही में वे मशगूल है। जिसे देखकर यह कहना अतिश्योक्ति न होगा कि कटघोरा वन विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता से निचले स्तर के अधिकारी- कर्मचारी मनमानी के शिखर को लांघने से बाज नही आ रहे है। बहरहाल जब्त ट्रेलर, जेसीबी सहित कोयला को पाली वन परिसर कार्यालय ले जाकर रखा गया है। दूसरी ओर चोरी मामले पर वन विभाग की कार्यवाही चर्चा का विषय बन गया है।
वन विभाग का कहना है की मामले में खनिज विभाग को जानकारी दे गई है। उक्त जब्त जेसीबी व ट्रेलर पर खनिज विभाग तय करेगा कार्यवाही। फिलहाल वन विभाग द्वारा केवल चोरी करने की नीयत से बुढ़बुढ़ खदान से रंगे हांथो पकड़ा गया है। फिलहाल खनिज विभाग को इसकी जानकारी दे दी गई है।