कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): कोरबी क्षेत्र में टीकाकरण के बाद हुए 50 गायों की मौत पर जिले के साथ साथ छ्त्तीसगढ़ सरकार भी गंभीर नज़र आ रही है. जिसे लेकर आज गौ सेवा आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा आज प्रभावित क्षेत्र कोरबी पहुंचे जहां उन्होंने पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी, जनपद पंचायत पोंडी उपरोड़ा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ओ. पी.शर्मा, अनुविभागीय अधिकारी संजय मरकाम से बैठक कर स्थिति की जानकारी ली. जिले में विधायक मोहित केरकेट्टा ने इस मामले की गहन जांच के निर्देश दिए साथ ही कलेक्टर रानू साहू ने विकासखण्ड पोडी-उपरोड़ा के ग्राम कोरबी में गायों की मौत पर तत्काल संज्ञान लेते हुए जांच समिति गठित कर दी है. एसडीएम पोड़ी-उपरोड़ा संजय मरकाम की अध्यक्षता में गठित जांच समिति में उपसंचालक पशु चिकित्सा डाॅ. एस. पी. सिंह सहित तहसीलदार, जनपद पंचायत के सीईओ को सदस्य बनाया गया है. समिति गायों की मौत की विभिन्न पहलुओं पर जांच करने के उपरांत विस्तृत रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेगी.
बता दें कि कोरबी में अज्ञात कारणों से गायों की मौत की खबर पता चलते ही गौ सेवा आयोग के सदस्य ने क्लेक्टर रानू साहू से चर्चा कर उन्होंने इस मामले की जांच कराने के लिए कहा है जिसपर कलेक्टर के निर्देश पर पशुपालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौका-मुआयना करने और स्थिति का जायजा लेने के लिए गांव में पहुंच चुके हैं. गायों की मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए कलेक्टर ने उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है.
ग्रामिणों से ली स्थिति की जानकारी..दिलाया जांच का भरोसा
गौ सेवा आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा ने ग्रामीणों से मुलाकात कर मवेशियों की मौत की जानकारी ली. ग्रामीणों ने प्रशांत मिश्रा तथा अधिकारियों को जानकारी दी कि आज सुबह चार मवेशी कोरबी पंचायत के द्वारिपारा में बने तालाब में पानी पीने गए हुए थे उसके बाद उन मवेशियों की स्थिति खराब होने पर स्थानीय पशु चिक्तिसकों को बुलाकर जांच कराई गई. प्राथमिक उपचार के बाद वे अभी ठीक हैं. आयोग के सदस्य मिश्राजी एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ग्रामीणों ने तालाब में जाकर देखा कि तालाब में काफी संख्या में छोटी बड़ी मछलियां मरी हुई मिली. आशंका जताई जा रही है कि किसी अज्ञात के द्वारा कीटनाशक दवा का प्रयोग किया गया है संभावना जताई जा रही है इसका पानी पीने से ही मवेशियों की मौत हुई होगी. फिलहाल गौ सेवा आयोग ने किसानों को भरोसा दिलाया कि इस मामले की सही जांच होगी और किसानों के साथ न्याय होगा.
टीकाकरण मवेशियों की मौत की वजह नहीं..तालाब का जहरीला पानी हो सकती है वजह.
गौ सेवा आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा ने बताया कि आज वो पशुपालन मंत्री एवं मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरबी में हुए मवेशियों की मौत की वजह की जांच में आये हुए हैं कुछ लोगों के द्वारा यह जानकारी मिली थी की कोरबी क्षेत्र में 200 मवेशियों का टीकाकरण किया गया था जिसमें एक किसान के परिवार में 68 मवेशियों को टीका लगाया गया था और लगभग 35 मवेशियों की मौत हो गई. प्रभावित के घर जाने पर उसने जानकारी दी कि उसके चार बैल पास के ही बने तालाब में पानी पीने गए हुए थे जिसके बाद उनकी तबियत खराब हो गई.किसान ने स्थानीय पशु चिकित्सक को बुलाकर उसका उपचार करवाया जहां बैल छटपटा रहे थे बाद में वे ठीक हो गए. इसकी जानकारी हमारे पहुंचने पर उसके द्वारा दी गई उसके बाद हमारी पूरी टीम उस स्थान पर पहुंची और छोटी से डबरी नुमा तालाब में सैकड़ों की संख्या में मछलियां मरी हुई थी और वे तालाब के बाहर आ चुकी थी. पानी भी प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हो रहा था कि उसमें कुछ जहरीला पदार्थ मिला हुआ है.यह सब देखने के बाद आसपास के लोगों का भी कहना है और हमारे निरीक्षण में यह सामने आया कि किसी ने हो सकता है खेतों में छिड़कने वाले रासायनिक कीटनाशक दवा के डिब्बे को धोया होगा या फिर मछली बीज के साथ केमिकल डाला होगा. हो सकता इसी का पानी पीने से मवेशियों की ताबियक खराब हुई होगी और मवेशियों की मौत भी होने की आशंका है.मौत के सही कारणों का पता करने के लिए अंजोरा दुर्ग मेडिकल कॉलेज से जांच टीम आई हुई है तथा राज्य स्तरीय पशु विभाग की टीम सैंपल लेने आई हुई है.जो मृत मवेशियों के शरीर का सैंपल तथा चारा, तालाब का पानी, और खेतों में भरे पानी का सैंपल लिया गया है साथ पशु चिकित्सकों ने जानकारी दी कि जिन खेतों में यूरिया रासायनिक खाद का छिड़काव किया गया है और कोई मवेशी तुरंत उस पानी को पीटा है तो ये भी मौत का एक कारण हो सकता है. फिलहाल मौत की असली वजह क्या है इसके लिए हमें रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ेगा. फिलहाल पशु चिकित्सा विभाग द्वारा जो भी सैंपल लिए गए है उनके रिपोर्ट के बाद ही मौत की वजह स्पस्ट हो पायेगा. लेकिन प्रथम दृष्टया तालाब के जहरीले पानी से निश्चित ही पशुओं की मौत हुई है.
तालाब के पानी में जहरीला पदार्थ मिलाने को लेकर दर्ज कराई जाएगी एफआईआर.
मवेशियों की मौत को लेकर पोंडी अनुविभागीय अधिकारी संजय मरकाम ने जानकारी दी कि कलेक्टर के निर्देश पर आज सुबह से ही प्रशासनिक टीम जिसमें तहसीलदार, जनपद सीईओ कोरबी आई हुई है और पशु विभाग के चिकित्सक एस पी सिंह भी मौजूद है जिसमें जांच की जा रही है जहां किसान देवनारायण की 22 मवेशियों की मौत हुई है और उसके घर के पास बने डबरी नुमा तालाब के निरीक्षण पर पाया गया की उसका पानी जहरीला है और उसमें सैकड़ों की संख्या में मछलियां मरी हुई थी फिलहाल उसके पानी का सैंपल ले लिया गया है और उसे PHE तथा पर्यावरण विभाग को इसके जांच के लिए भेजा जाएगा. संभावना जताई जा रही है कि इस तालाब में कीटनाशक दवा या फिर युरिया खाद को किसी अज्ञात के द्वारा मिलाया गया है. संभावना जताई जा रही है कि सभी पशुओं की मौत इसी डबरी के पानी पीने से हुई होगी. फिलहाल यह जांच का विषय है हमारे द्वार इसके लिए एफआईआर दर्ज कराई जा रही है हो सकता है किसी ने जानबूझकर इस डबरी में जहरीला पदार्थ मिलाया होगा .
पशु विभाग की चार टीम मौके पर मौजूद
मवेशियों की मौत को लेकर पशु विभाग की चार टीम कोरबी मैं मौजूद है जिसमें मृत मवेशियों के सैंपल के लिए एक टीम डॉ अनूप चटर्जी और डॉ शर्मा के नेतृत्व में आई हुई है.एक टीम अंजोरा दुर्ग मेडिकल कॉलेज से एक टीम आई हुई जो सभी सैंपल को एकत्रित करेगी और साथ में रायपुर के इंद्रावती भवन से राज्य स्तरीय टीम इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कार्य कर रही है. साथ ही जिले की भी टीम जांच में जुटी हुई है.
फिलहाल कोरबा जिले में पोंडी उपरोड़ा के कोरबी में हुए 50 मवेशियो की मौत से सरकार के माथे पर चिंता की लकीर आ गई है. जहां सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रोका छेका धरातल पर नज़र नहीं आ रही है वहीं मवेशियों की आकस्मिक मौतों से प्रशासन की भी नींद उड़ी हुई है . फिलहाल मवेशियों की मौत के सही कारण जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा.