कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): अधिवक्ता बनाम एडमिनिस्ट्रेशन के बीच का संघर्ष जारी है। एक और जहां सोमवार को प्रदेश भर में तहसील कार्यालय के कर्मचारी काम बंद कर धरना प्रदर्शन किये। वहीं दूसरी ओर आज कटघोरा अधिवक्ता संघ ने व्यवहार न्यायालय से बाइक रैली निकालकर तहसील कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने SDM को ज्ञापन सौपा। इसके साथ ही कटघोरा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सधीर मिश्रा ने वकीलों के साथ जिस तरीके से पुलिस कार्रवाई कर रही है उसे गलत बताया है।
क्या बोले कटघोरा के अधिवक्ता
इधर कटघोरा अधिवक्ता संघ भी वकीलों के समर्थन में आ गए है. वकीलों पर लगे आरोपों को झूठा बताया है. कटघोरा अनुविभागीय अधिकारीर को इस मामले में ज्ञापन सौपा गया है. अधिवक्ताओं ने बताया कि तहसील कर्मचारी के द्वारा शासकीय कर्मचारी को अपनी जाति का अनुचित लाभ उठाते हुए वकीलों के खिलाफ झूठा रिपोर्ट दर्ज कराया गया है. कटघोरा अधिवक्ता संघ इसकी घोर निंदा करता है. रायगढ़ अधिवक्ता संघ के साथ कंधा से कंधा मिलाकर हम खड़े है.
अधिवक्ता संघ ने ज्ञापन में रखी मांगे
कटघोरा तहसील कार्यालय में कोर्ट से करीब 100 से अधिक की संख्या में महिला और पुरुष वकील कटघोरा अनुविभागीय अधिकारी से मुलाकात करने पहुंचे थे। लेकिन कार्यालय में अधिकारी के उपस्थित न होने पर कार्यालय के बाहर मुख्य द्वारा पर नारे बाज़ी करते हुए अपना विरोध जताया। मेडिया से चर्चा के दौरान अधिवक्ता संघ के सचिव अमित सिन्हा ने मीडिया को बताया कि “हमारे वकील साथियों के साथ पुलिस गलत तरीके से पेश आ रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, तहसील कार्यालय में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा।
स्टेट बार काउंसिल का ऐलान! काली पट्टी लगाकर वकील करेंगे काम!
प्रदेश बार काउंसिल ने भी तहसील कार्यालय में चल रहे जन्म प्रमाण पत्र से लेकर राजस्व तक के मामलों में अनावश्यक पैसे की मांग को संज्ञान में लिया है। स्टेट बार कौंसिल ने ऐलान किया है कि 15 फरवरी को दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर वकील अपना काम करेंगे। इसके साथ ही सचिव राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग छत्तीसगढ़ से तहसील कार्यालय में चल रहे भ्रष्टाचार और मारपीट को लेकर कार्रवाई के लिए ज्ञापन दिया जाएगा।
क्या है पूरा मामला.. एक नजर में..
आपको बता दें कि गुरुवार को जिला रायगढ़ के अधिवक्ता जितेन शर्मा के द्वारा तहसील कार्यालय में गाली गलौज करते हुए धक्के मार कर निकाल दिया गया था। अधिवक्ता संघ ने तहसीलदार एवं उसके मातहतों के खिलाफ अगले दिन तहसील कार्यालय का घेराव किया। जहां दोनों पक्षों के बीच बहस की स्थिति निर्मित हुई। इसी बीच वकीलों और कर्मचारियों की मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। जिसके बाद कर्मचारी संघ कलेक्ट्रेट के सामने धरना देने बैठ गया। इसके आधे घंटे के बाद तीन वकीलों पर नाम ज्यादा एफ आई आर दर्ज हुई। जिसमे एस्ट्रोसिटी एक्ट और सरकारी काम में बाधा जैसे गंभीर गैर जमानतीय धाराएं शामिल है।पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें से एक नामजद है। कर्मचारी संघ ने सोमवार से काम बंद का ऐलान कर दिया था। प्रदेश स्तर पर तहसील कार्यालय सोमवार को बंद रहे। जिसमें 2 अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी के बाद कर्मचारी संघ ने धरना बंद किया।