कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : देशभक्ति और जनसेवा की बेहतरीन मिसाल है पुलिस, यूं तो हमेशा ही सभी की सेवा में दिन रात एक करके अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभाती है। समय-समय पर पुलिस कर्मियों को भी अवकाश पाने तथा अपने परिजनों के साथ समय व्यतीत करने का पूर्ण अधिकार है। किंतु थानों में पर्याप्त पुलिस बल नहीं होने के कारण ज्यादातर पुलिस के जवान इस अधिकार से भी वंचित हो जाते हैं।
कोरबा जिले के उपनगरीय क्षेत्र कटघोरा थाने में पुलिस स्टाफ की कमी होने से वर्तमान में पदस्थ स्टाफ को काफी दिक्कतों से दो-चार होना पड़ता है, जिससे उन पर कार्य का दुगुना भार हो गया है।वर्तमान स्थिति में कटघोरा थाने में थाना प्रभारी सहित कुल 40 कर्मचारी कार्यरत हैं जबकि पुलिस विभाग की निर्धारित पद संरचना अनुसार कुल 50 पद स्वीकृत हैं। थाने में पुलिस बल पर्याप्त मात्रा में नहीं होने के कारण यहां पदस्थ कर्मचारियों पर अतिरिक्त कार्यभार बढ़ जाता है जिससे उन्हें लगातार 24 घंटे भी ड्यूटी पर उपस्थित रहना पड़ जाता है इसलिए ज्यादातर कर्मचारियों में मानसिक तनाव बढ़ रहा है।
विवेचना संबंधित कार्य हो रहे प्रभावित
हमने पुलिस कर्मियों की इस विकट समस्या के संबंध में कटघोरा थाना से जानकारी चाही, तो पताचला कि पर्याप्त पुलिस बल नहीं होने के कारण सभी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, थाना क्षेत्र में कुल तीन बीट है तथा दो पुलिस सहायता केंद्र है,फिलहाल थाने में 40 कर्मचारी पदस्थ हैं। जिसमें से एक-एक कर्मचारी को प्रतिदिन डायल 100 ड्युटी में आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में लगाया जाता है। कर्मचारियों की शेष संख्या अनुसार विभिन्न कार्य क्षेत्रों में तैनाती की जाती है। इसी बीच उपस्थित कर्मचारियों में से यदि किसी कर्मचारी को अत्यावश्यक कार्य से अवकाश पर जाना पड़ जाए तो उसके हिस्से का कार्य भी देखना पड़ जाता है,जिससे वर्कलोड ज्यादा बढ़ जाता है।उन्होंने आगे बताया कि स्टाफ की कमी होने से विवेचना कार्य भी काफी हद तक प्रभावित हो रहे हैं।जिससे प्रकरणों को न्यायालय में समय पर प्रस्तुत करने में भी देरी हो जाती है।स्टाफ की कमी से जूझ रहे कटघोरा थाने में निर्धारित मापदंडों के अनुसार कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने से वर्तमान में पदस्थ कर्मचारियों पर वर्कलोड बढ़ गया है।
यातायात पुलिस की लंबे समय से चल रही मांग
बतादें की कटघोरा नगर से बिलासपुर, अम्बिकापुर, पेंड्रा, कोरबा के लिए लोग आवाजाही करते हैं जिससे इन मार्गों में यातायात का दबाव काफी हद तक बढ़ जाता है। लेकिन यातायात पुलिस की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। थाना में बल की कमी होने से यातायात व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया जा सकता। जबकि क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा यातायात पुलिस की व्यवस्था तो कुछ समय के लिए तो की गई थी लेकिन इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया। जिला मुख्यालय से ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ को यातायात दुरुस्त करने भेजा तो जाता है लेकिन साहब लोग सुतर्रा से कटघोरा बायपास के बीच यातायात पुलिस तथा आरटीओ वाले अपनी जेब गर्म और अवैध उगाही करते रात तक सहज ही नज़र आ जाएंगे। जिससे भोले भाले ग्रामीण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन को कटघोरा नगर में यातायात पुलिस बल की व्यवस्था को बहाल करने में विचार करने की जरूरत है।
पर्याप्त पुलिस बल की हो नियुक्ति
बहरहाल थाना कटघोरा में स्टाफ की भारी कमी से जद्दोजहद में उलझा हुआ है,कोई भी पुलिस जवान अपनी मनोदशा को जाहिर नहीं करता लेकिन अधिक वर्क लोड की पीड़ा साफ झलक जाती है।ऐसे में थानांतर्गत लगभग 110 ग्रामों के निवासियों को भी पुलिस की आवश्यकता पड़ने पर समय पर पुलिस बल उपलब्ध नहीं हो पाना भी गंभीर विषय है। पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात नहीं होने से वर्कलोड अधिक होने के कारण कार्यों में देरी होना तो स्वाभाविक है। पर्याप्त पुलिस बल के नहीं होने से बहुत से मामलों में विवेचना संबंधी कार्य भी प्रभावित हो रहा है जिससे समय पर न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण भी नहीं हो पा रहा। थाना प्रभारी के अलावा थाने में मात्र 4 विवेचना अधिकारी है जिन्हें सभी मामलों की विवेचना कर समय पर न्यायालय में प्रस्तुत होने की जिम्मेदारी भी है। कर्मचारियों को मानसिक तनाव की स्थिति में देखा जा सकता है शासन द्वारा जल्द ही निर्धारित मापदंडों के अनुसार कटघोरा थाने में पर्याप्त पुलिस बल की नियुक्ति करना चाहिए, जिससे कटघोरा थाने का वातावरण स्वस्थ बना रहे तथा पुलिस की सभी मूलभूत सेवाएं आम जनता तक समय पर पहुंच सके।