कोरबा : निजात अभियान से प्रेरित कोरबा जिले के इस ग्राम पंचायत की पहल और महिलाओं के हौसले से लिखी जा रही नशा मुक्ति की इबारत.. शराब पीने व बेचने पर इतने हजार का लगेगा जुर्माना.

कोरबा/कटघोरा 1 दिसंबर 2022 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : कोरबा जिला पुलिस कप्तान संतोष सिंह द्वारा पूरे जिले में नशा मुक्ति के उद्देश्य से चलाए जा रहे निजात अभियान में लोग इससे प्रेरित होकर नशा मुक्ति की ओर अग्रसर हो रहे हैं। लोग अब नशा के खिलाफ एकजुट होकर सख्त निर्णय लेकर अपने गाँव को शराब मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे है।

कोरबा जिले के कटघोरा ब्लॉक के ग्राम सलोरा में शराब बंदी कर दी गई है, यहां के ग्राम सरपंच के साथ ग्राम वासीयों ने निर्णय लिया है कि यहां पर शराब बेचते पाए जाने पर 10 हजार रुपए का आर्थिक दंड दिया जाएगा। वहीं बेचते हुए देखने पर बताने वाले को 5 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा। शराब खरीदने पर 10 हजार रुपए और गांव के सार्वजनिक जगहों या किसी भी समारोह में शराब पीते पाए जाने पर 5 हजार रुपए की जुर्माना राशि तय की है।

इसके अलावा भी दंड का प्रावधान किया गया है, खुले आम शराब पीने पर पाए गए तो पीने वाले को 5 हजार रुपए का दंड भरना होगा, वहीं खुले आम पीते देखकर बताने वाले को भी 5 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा। गांव के सभी महिला, युवा एवं ग्राम सलोरा वासियों ने मिलकर यह निर्णय लिया है।

ग्राम पंचायत सलोरा की महिला सरपंच महेश्वरी तंवर ने बताया कि उन्होंने महिला समूह का गठन किया है गाव के तीन मोहल्ले से लगभग 35 महिलाओं ने ये बीड़ा उठाया है कि गाँव को पूरी तरह शराब मुक्त करना है। इसके लिए पुलिस प्रशासन का भी सहयोग मिल रहा है। थाना प्रभारी अश्विन राठौर द्वारा हमारे इस निजात अभियान के तहत नशा मुक्ति में हमें पूरा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। गाँव के बच्चे भी नशे की गिरफ्त में आ रहे थे। इसे सोचकर ही यह हम महिलाओ द्वारा सख्त कदम उठाते हुए गाँव में पूर्ण शराब बंदी के लिए बेहद अहम बड़ा फैसला लिया है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में शराबबंदी का मुद्दा काफी समय से गरमाया हुआ है, यहां भाजपा हमेशा शराब बंदी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधती रही है, लेकिन प्रदेश में अब तक शराबबंदी तो अधिकृत रूप से शासन द्वारा लागू नहीं की गई लेकिन सलोरा में गांव वालों ने जिला पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के निर्देश पर कटघोरा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे निजात अभियान से प्रेरित होकर बेहद ही बड़ा और अहम फैसला लिया है, अब देखना यह होगा कि यह निर्णय कब और कैसे लागू होता है और गांव वाले इस फैसले का कब तक पालन कर पाते हैं।