कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) अकित सिंह : ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा की जड़ें इतनी गहरी है कि बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहा है। माता-पिता की अशिक्षा और परंपराओं के कारण कई नाबालिगों का विवाह करा दिया जाता है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए कई संस्था और प्रशासन द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद हर साल बाल विवाह के मामले लगातार सामने आते हैं। ऐसा ही एक मामला कोरबा के करतल से सामने आया है जहाँ ग्राम डोंगाअमा में एक युवक की बारात निकलने ही वाली थी तभी महिला एवं बाल विकास की टीम मौके पर पहुचीं और परिजनों को समझाया गया कि बाल विवाह कानूनन अपराध है। जिसके बाद बारात कार्यक्रम रद्द हो गया।
करतला की परियोजना अधिकारी रागिनी बैस ने बताया कि युवक की उम्र 19 वर्ष थी जिसकी शादी रायगढ़ की 18 वर्षीय युवती के साथ होनी थी। उम्र की लिहाज से युवती बालिग थी और युवक नाबालिग था। योजना अधिकारी ने बताया कि युवक की उम्र लगभग 21 वर्ष होनी थी वहीं युवती की 18 वर्ष होना अनिवार्य है तब जाकर विवाह संपन्न होगा।
बारात निकलने ही वाली थी कि महिला बाल विकास की टीम बाल कल्याण समिति और पुलिस के संयुक्त टीम बनाकर नाबालिक के परिजनों को समझा-बुझाकर शादी रुकवाया गया। बाल विवाह पर अंकुश लगाने महिला बाल विकास में एक विशेष टीम तैयार की है जिसे लेकर लगातार निगरानी रखी जा रही है मितानिन कोटवार और स्वास्थ्य कर्मियों को भी टीम में शामिल किया गया कि अगर किसी तरह का नबालिग लड़का लड़की का गांव में शादी विवाह हो तो इसकी सूचना तत्काल संबंधित विभाग को दे।