कोरबा : जिले में वनांचल क्षेत्र के स्कूल का हाल बेहाल.. 3 वर्षों से स्कूल पूरी तरह जर्जर.. पहले गर्मी में पेड़ के नीचे अब बारिश में गुमटी में पढ़ने को मजबूर ग्रामीण आदिवासी बच्चे.

कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : कोरबा जिले दूरस्थ वनांचल क्षेत्र पोंडी उपरोड़ा विकासखण्ड के सैला संकुल अंतर्गत सेमरा ग्राम पंचायत के कटेलपारा प्राथमिक स्कूल का हाल विकासखण्ड शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन को पूर्व से अवगत है। इसके पूर्व भी इस स्कूल की जर्जर अवस्था और गर्मी में पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर बच्चो के हालात को प्रमुखता से मीडिया के जरिये जिला प्रशासन को अवगत कराया गया था। इस मामले में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, संकुल प्रभारी ने स्कूल पहुंच कर इस पर संज्ञान तो लिया लेकिन इस ओर कोई पहल नही की गई। नतीज़ा यह रहा कि गर्मी के बाद अब बारिश में इस स्कूल की हालत और बद से बदत्तर हो गई है।

आज जब मीडिया सेमरा पंचायत के कटेलपारा प्राथमिक स्कूल पहुंची तो देखा कि स्कूल के बच्चे स्कूल भवन की बजाय पास में बने एक गुमटी नुमा मकान में पढ़ाई कर रहें हैं। जब स्कूल के शिक्षक एस पी कुजूर से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल पूरी तरह जर्जर हो चुका है इस वजह से बारिश होने पर पानी टपकने से बच्चों की पढ़ाई नही हो पाती है। जिसकी वजह से अलग अलग जगह पर सुरक्षित स्थान देखकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। शिक्षक कुजूर ने बताया कि प्राथमिक स्कूल कटेलपारा में बच्चों की दर्ज संख्या 27 है। गाँव के लोगों द्वारा कमरा या झोपड़ी देकर सहयोग किया जाता है जिससे बारिश में बच्चों को पढ़ाया जा सके।

स्कूल के शिक्षक ने बताया कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने से यहां पंडो, बिरहोर, कोरवा जनजाति के बच्चे पढ़ने आते है लेकिन अभी तक विभाग को इसकी शिकायत कई दफा की जा चुकी है लेकिन प्रशासन इस ओर कोई कदम नही उठा रहा है। जिसका नतीजा यहां पढ़ने वाले बच्चे भुगत रहे हैं। अधिकारी तो आतें है लेकिन निरीक्षण कर चले जातें हैं।

कलेक्टर संजीव झा ने जानकारी पर लिया संज्ञान

स्कूल की दुर्दशा व बच्चों की वर्तमान स्थिति को देख जब मीडिया ने इसकी जानकारी कोरबा जिले के नवपदस्थ कलेक्टर संजीव झा को दी तो उन्होंने इस मामले की पूरी जानकारी लेने के बाद पूरी तरह आश्वस्त करते हुए कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेकर तत्काल जिला शिक्षा विभाग को स्कूल की नई बिल्डिंग बनाने के लिए निर्देशित किया जाएगा तथा स्वयं स्कूल पहुंच कर स्थिति का जायज़ा लेने की बात कही।

अब देखने वाली बात होगी कि गर्मी के बाद क्या बारिश में इन मासूम देश के नौनिहालों को पढ़ाई के लिए छत मिल पाएगी यह तो आने वाले वक्त पर केंद्रित है। क्योंकि जिला प्रशासन की सुस्त कार्यप्रणाली की वजह से 3 वर्षों से कई दफा शिकायत के बाद भी आज तक सेमरा ग्राम पंचायत के कटेलपारा प्राथमिक शाला का हाल बद से बद से बदत्तर हो गई है और बच्चे स्कूल के बाहर पढ़ने को मजबूर है।