कोरबा : जिले के प्रसिद्ध पाली महोत्सव पर लगा यूपी चुनाव का ग्रहण.. क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि जुटे चुनाव प्रचार में.. प्रशासन की तरफ से भी नही कोई पहल.. लोगों में निराशा.

कोरबा/पाली ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : जिले में महाशिवरात्रि के अवसर पर हर साल आयोजित होने वाले पाली महोत्सव के आयोजन पर इस वर्ष संशय की स्थिति बरकरार है। बीते 6 वर्षों से महाशिवरात्री के अवसर दो दिवसीय पाली महोत्सव का आयोजन होता रहा है। लेकिन इस वर्ष कोरबा जिले के पाली महोत्सव के आयोजन पर अभी तक जिला प्रशासन द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। और न ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि इस आयोजन को लेकर रुचि ले रहे हैं। जबकि बीते वर्ष 2021 के पाली महोत्सव के शुभारम्भ के दौरान छ्त्तीसगढ़ खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आने वाले समय में पाली महोत्सव और भव्य रूप लेगा तथा कोरबा और छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनायेगा। सांसद प्रतिनिधि श्री प्रशांत मिश्रा ने पाली महोत्सव को आगामी वर्ष से संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित करने की मांग मंत्री श्री भगत से की। जिस पर संस्कृति मंत्री श्री भगत ने जिला प्रशासन द्वारा आयोजन के लिए विधिवत प्रस्ताव तैयार कर विभाग को भेजने पर मंजूरी का आश्वासन भी दिया था।

यह क्षेत्र का सालभर का सबसे बड़ा लोक महोत्सव है। जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है. पहले कोरोना महामारी के कारण इसके आयोजन पर संशय की स्थिति बनी रहती थी, लेकिन उसके बावजूद पिछले वर्ष पाली महोत्सव का आयोजन किया गया। लेकिन 1 मार्च 2022 महाशिवरात्री को महज कुछ दिन शेष बचे है लेकिन अभी तक पाली महोत्सव को लेकर किसी प्रकार की कोई बैठक जिला प्रशासन द्वारा नही आहूत की गई है। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन भी पाली महोत्सव पर कोई रुचि नही ले रहा है।

उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव का ग्रहण तो नही लगा पाली महोत्सव पर ?

कोरबा जिले के पाली में महाशिवरात्रि में आयोजित पाली महोत्सव के न होने को लेकर लोगों में प्रशासन व क्षेत्रीय विधायकों के प्रति नाराज़गी देखी जा रही है। लोगों में यह चर्चा आम हो गया है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सरकार के साथ साथ क्षेत्र के दोनों विधायक भी वहां के चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं लेकिन वे अपने क्षेत्र के होने वाले छ्त्तीसगढ़ के लोक महोत्सव पाली महोत्सव को भूल गए हैं। ऐसे में प्रशासन भी कोई सुध नही ले रहा है। जबकि पाली का प्राचीन शिव मंदिर जो अपनी एक अलग पहचान बनाये रखे हुए है। और उसी के तहत महाशिवरात्रि पर पाली महोत्सव का आयोजन किया जाता है। जबकि पाली में महाशिवरात्रि से मीना बाज़ार भी 10 दिनों के लिए सजता है। और आसपास के लोग पाली महोत्सव के आनंद के साथ मीना बाजार का भी आनंद लेते है।

जब मीना बाजार लग सकता है तो पाली महोत्सव क्यों नहीं

पाली नगर पंचायत अध्यक्ष उमेश चंद्रा ने बताया कि पाली महोत्सव के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा अभी कोई निर्णय नही लिया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि इस पाली महोत्सव के नही होने के पूरे आसार लग रहे हैं। पाली नगरवासी व जिले के लोग पाली महोत्सव का साल भर से इंतजार करते हैं लेकिन इस वर्ष अभी तक जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई पहल नही की गई है। जब जिला प्रशासन मीना बाजार को अनुमति दे सकती है तो पाली महोत्सव की अनुमति क्यो नहीं दी जा रही है। इससे लोगो में निराशा है। स्थानीय व आसपास के छोटे व्यापारियों को इस महोत्सव से बड़ी आस रहती है। पाली महोत्सव के न होने से लोगो में मायूसी साफ साफ देखी जा सकती है।