कोरबा : जिले का यह ब्लॉक बना अवैध कारोबार का गढ़.. बेख़ौफ़ चलता है अवैध कबाड़, डीजल, शराब का कारोबार.. पुलिस प्रशासन कुम्भकर्णीय नींद में.

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़) : कोरबा जिले के सरहदी क्षेत्र में इन दिनों अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है चाहे वह काम अवैध कबाड़ का हो या अवैध शराब बिक्री या अवैध डीजल बिक्री का मामला हो पुलिस के नाक के नीचे यह काम कई महीनों से निरंतर जारी है। पाली स्थित एक प्रसिद्ध ढाबा विगत कई वर्षों से संचालित है। लॉकडाउन के समय भी यहां हर ब्रांड की शराब उपलब्ध रहती थी और यह काम निरंतर अभी भी जारी है। अवैध शराब के साथ-साथ यह कारोबारी अवैध डीजल का काम भी जोर शोर से करता है और पेट्रोल पंप से कम कीमत पर डीजल उपलब्ध कराता है। पाली हाईवे से होकर भारी वाहनों का आवागमन रहता है इसका फायदा उठाकर ढाबा संचालक ट्रकों से डीजल कटिंग कर बिक्री करता है शराब दुकान के बंद होने के पश्चात यहां के शराबियों को चिंता नहीं रहती किसी भी ब्रांड की शराब यहां उपलब्ध रहती है और साथ ही साथ चखने की भी उत्तम व्यवस्था यहां रहती है। और इस ढाबा में 24 घण्टे बेख़ौफ़ शराब परोसा जाता है मामला समझ से परे है कि एक और जहां जिले के कप्तान जिले में अवैध कारोबार पर नकेल कसने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। वही दूसरी ओर पुलिस के नाक के नीचे अवैध कारोबार का चलना साफ-साफ स्थानीय पुलिस की सांठ-गांठ की ओर इशारा करता है।

पिछले चार-छः महीनों से लगातार कबाड़ का अवैध कारोबार भी जमकर फल-फूल रहा है और लगभग 20 से 30 गाड़ियां फेरी कर दिनदहाड़े कबाड़ का सामान वसूल करती हैं और रात के अंधेरे में चोरी को अंजाम देते है। यह ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने इस काम के लिए लाइसेंस ले रखा हो। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कबाड़ के कारोबार को रतनपुर के एक व्यापारी के द्वारा संचालित किया जाता है और पूरा माल रतनपुर भेजा जाता है। पिछले दिनों पाली स्थित स्टेडियम का गेट ही उखाड़ कर ले गए कबाड़ चोर सरकारी संपत्ति के साथ साथ प्राइवेट संपत्तियों को भी कबाड़ चोर नहीं छोड़ रहे हैं जिससे क्षेत्र की जनता के मन में भय बना रहता है और अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए लगातार चिंतित रहते हैं।

कोरबा जिले के सरहदी क्षेत्र बगदेवा से लेकर डूमर कछार तक लगभग 4से5 ऐसे डीजल चोर सक्रिय हैं जो रात के अंधेरे में डीजल का काला कारोबार करते हैं जिससे हाईवे में चलने वाली गाड़ीयो के मालिकों को आर्थिक क्षति होती है और यह कारोबारी बेधड़क नोट छापने में लगे हुए हैं यह साफ-साफ मिलीभगत की ओर इशारा करता है । फिलहाल पाली पुलिस पूरे मामले पर नाकाम साबित होती दिखाई दे रही है। अब देखने वाली बात यह है कि यह काम आगे निरंतर जारी रहता है, या इन अवैध कारोबार पर नकेल कसी जाती है।