कोरबा: जनसंगठन ने किया सड़क सुधार का कार्य…

कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) अजय राय : टापू में तब्दील हो चुके कोरबा जिले की अधिकांश सड़के गड्ढों की वजह से प्रसिद्ध हो गयी है। आलम यह है कि अन्य जिले के रहवासी कोरबा को एक टापू की संज्ञा भी देते है। उपनगरीय क्षेत्रों में तो हालत बद से बदतर हो चुकी है। बात की जाए दर्री जैलगॉव की तो यहाँ दुपहिया और चार पहिया वाहनो का आवागमन बेहद कष्टदायक है। बद से बदतर हो चुके सड़को पर गड्ढो का जाल फैल चुका है , वही कही 2से 3 फ़ीट तक के गड्ढे बन गए है। लगातार भारी वाहनों के आवागमन से सड़क धसते चली जा रही है। वही लगातार हो रही बारिश की वजह से सड़कों पर डाले गए मलबे कीचड़ में तब्दील हो गये है।


सड़को की खस्ताहाल स्तिथि की वजह से समाजसेवी संस्था जनसंगठन ने हाल ही में चक्का जाम आंदोलन किया था।जिसकी वजह से तत्कालीन आयुक्त ने सड़क के सुधार का आश्वासन देते हुए सड़क सुधार का कार्य भी आरम्भ करा दिया था। लेकिन कोरबा आयुक्त के तबादले के बाद से सड़कों की स्तिथि यथावत हो गयी।


जनसंगठन द्वारा पुनः सडको की मरम्मत को लेकर प्रशासन का ध्यान इस ओर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। किंतु किसी प्रकार से ठोस कदम प्रशासन द्वारा न उठाएं जाने पर जनसंगठन द्वारा स्वयं के व्यय से साडा कालोनी दर्री से लेकर जैलगॉव तक कि सड़क की मरम्मत की गयी।


जेसीबी की सहायता से सड़कों पर जमने वाले पानी के निकासी की व्यवस्था की गई।वही ठोस मलबों से सड़कों के गड्ढो को भरा गया।घण्टों तक किये गए कार्य के बाद सड़क आवागमन के लायक होने से लोगो ने राहत की सांस ली। जनसंगठन के संयोजक विशाल केलकर ने खस्ताहाल सडको के जिम्मेदार किसी और को नही कोरबा की जनता को बताया है। जिनकी वजह से जनप्रतिनिधियों द्वारा मनमाने तरीके से लाखो रुपये के सार्वजनिक मंच और शेड का भूमि पूजन व निर्माण किया जाता है। लेकिन अतिआवश्यक सडको के निर्माण को लेकर जनप्रतिनिधियो का रुख स्पष्ट नही है।


सडको को लेकर स्थानीय लोगो मे जमकर आक्रोश है। आये दिन छोटी गाड़ियां ब्रेक डाउन व क्षतिग्रस्त हो रही है।दुपहिया वाहन में सवार लोग अपनी जान खतरे में डाल कर इन सड़कों पर सफर करने को मजबूर है। बहरहाल आम जनता की तकलीफ को देखते हुए जनसंगठन ने आगामी दिनो के भीतर सड़क सुधार न होने पर उग्र आंदोलन की बात कही है।
(कोरबा से अजय राय की रिपोर्ट)