कोरबा-कटघोरा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा कुटेशरनगोई में सुअर मारने के लिए बिछाए गए तार से करंट लगने के कारण किशोरवय युवक की मौत हो गई। लाश छुपाने वाले 8 आरोपी जेल भेजे गए हैं।
कोरबा जिले के कटघोरा थानांतर्गत ग्राम कुटेशरनगोई निवासी परमेश्वर यादव 17 साल अपने दोस्तों के साथ कार्तिक पूर्णिमा मनाने गया था। शाम को घर वापस आया और कुछ देर बाद फिर घर से बाहर घूमने निकला था, जो घर वापस नहीं आया। भाई की रिपोर्ट पर गुम इंसान व अपहरण का मामला कायम कर तलाश थाना प्रभारी तेज कुमार यादव के नेतृत्व में शुरू की गई। इस दौरान संदेही भवन सिह कंवर से पूछताछ में परमेश्वर को मानगुरू पहाड़ झोका नाला की तरफ जंगली सुअर होने एवं फसल देखने जाना है कहकर ले जाने का पता चला। रात 9:30 बजे झोका तालाब के पास पगडंडी रास्ते में कोई खुला तार में करेंट लगने से भुवन सिंह वहीं गिर गया और लगभग 2 घंटा बाद होश आने पर घर आया तथा गोपाल व फूलसाय वहां से भाग गये। विवेचना के दौरान ग्रामीणों शिशुपाल सिह धनुहार, संतोष कुमार कंवर के द्वारा गांव के कन्हैया राम यादव, लक्ष्मी नारायण पोर्ते को जंगली सुअर मारने के लिए सेटिंरग तार बिछाने के लिए मना करना बताया गया। इस पर संदेही लक्ष्मीनारायण तथा अंजय को तलब कर कड़ाई से पूछताछ में बताया कि जंगली सुअर फंसाने के लिए अवैध रूप से सेंट्रिंग तार बिछा कर बिजली करेंट सप्लाई किये थे जिसमें परमेशवर यादव की करेंट से मृत्यु हो जाने पर शव को मानगुरू पहाड़ ऊपर छिपा दिया गया। पुलिस ने इनकी निशानदेही पर बालक के शव को बरामद किया।
पुलिस ने आरोपियों कन्हैयाराम यादव पिता स्व. शिवराम यादव 39 वर्ष कुटेशरनगोई, लक्ष्मीनारायण पिता भरत लाल पोर्ते 34 साल डुमरमुडा,अंजय यादव उर्फ अज्जे पिता संतराम यादव 25 साल कुटेशरनगोई, पंचराम बिरहोर उर्फ पंच्चू पिता राम सिह बिरहोर्र 30 साल नागरमुडा बिंझरा इन्द्रभुवन नेटी उर्फ पप्पू पिता बुधवार सिह नेटी 34 साल डुमरमुडा, भवन सिह कंवर पिता घासी सिह कंवर 24 साल कुटेशरनगोई, फूलसाय धनवार पिता भांवर साय धनवार 42 साल कुटेशरनगोई, गोपाल सिह कंवर पिता जीरजोधन सिह कंवर 36 साल कुटेशरनगोई के विरुद्ध धारा 363,304,201,34 भादवि एवं 135 विद्युत अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर गिरफ्तारी की है। प्रकरण का एक आरोपी दशरथ यादव फरार है। उक्त कार्यवाही में निरीक्षक तेजकुमार यादव, एएसआई कुंवर साय पैकरा, विनोद खाण्डे, प्रधान आरक्षक दीपक कश्यप, राजेन्द्र मरकाम, संदीप पाण्डेय, आरक्षक महेन्द्र चंद्रा, नंदलाल सारथी, मनीष साहू, भुनेश्वर आदिले, अजय खुटले, अरूण पाटले, सुखदेव मुण्डा, खम्हन सिंह, राजेन्द्र कंवर, रामसुददीन मरकाम का सराहनीय योगदान रहा ।