कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन की अफवाहें भी तेज हो गई हैं. इन अफवाहों के बीच मुनाफाखोर भी सक्रिय हो गए हैं. इसी के साथ खाद्य सामग्रियों की जमकर जमाखोरी भी शुरू हो गई है. रोजमर्रा की दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाले सामानों के दाम बढ़ गए हैं. आटा के दाम में प्रति किलो 5 से 10 रुपए की बढ़ोतरी हो गई है. आटा के साथ ही दाल, सरसों, रिफाइंड तेल की भी हालत इसी तरह के है. अन्य ग्रॉसरी आइटम के दामों में बढ़ोतरी कर दी गई है. बड़े दुकानदारों द्वारा छोटे दुकानदारों से आर्डर लेना बंद कर दिया गया है. इससे छोटी दुकानें खाली हो गई हैं. इसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है.
लोग घबराहट में कर रहे खरीदारी
छोटे दुकानदारों का कहना है कि ऊपर से ही उन्हें सामान महंगा मिला है. जिसके कारण उन्हें रेट बढ़ाना पड़ रहा है. तेल के दाम कुछ दिन पहले तक थोक में 124 थे अब वह बढ़कर 130 से 135 पाउच हो चुका है. कुछ उपभोक्ता ऐसे भी हैं जो यह सोच रहे हैं कि लॉकडाउन नजदीक है इसलिए वे जरूरत से अधिक सामान खरीदकर घर में जमा कर लेना चाहते हैं. बाजार में घबराहट में खरीदारी हो रही है. गुटखा तंबाकू के दामों में भी बेतहाशा बढ़ोतरी कर दी गई है. जो गुटखा पहले 5 रूपये प्रति पाउच मिलता था वर्तमान में वह 20 रूपये 3 पाउच की दर से बेचा जा रहा है.
छोटे दुकानों में स्टॉक खत्म हो रहे
छोटे दुकानदारों के पास खाद्य सामग्री का स्टॉक खत्म हो चुका है. उनका कहना है कि होलसेलर द्वारा उन्हें खाद्य सामग्री नहीं दी जा रही है.आर्डर देने पर भी इसकी आपूर्ति नहीं की जा रही. शहर के कुछ छोटे दुकानदारों का कहना है कि बड़े थोक विक्रेताओं ने जानबूझकर खाद्य सामग्री का स्टॉक कर लिया है ताकि बाजार में खाद्य सामग्रियों की किल्लत बनाकर वे मुनाफा बना सकें. कुल मिलाकर वे आपदा को अवसर बनाने में लगे हुए हैं.
सेल्समैन नहीं ले रहे ऑर्डर
गली मोहल्लों में चलने वाले छोटे बड़े दुकानदारों के पास बड़े होलसेलर्स के सेल्समैन सप्ताह में 1 दिन आर्डर लेने जाते हैं. इस दौरान वे पुराने बकाया की वसूली भी करते हैं.इस तरह मांग के आधार पर सप्लाई का कारोबार चलता रहता है. वर्तमान समय में सेल्समैन छोटे दुकानदारों से ऑर्डर नहीं ले रहे हैं. वे कह रहे है की तेल, आटा जैसी सामग्रियों का स्टॉक मार्केट में समाप्त हो चुका है. चिल्लर दुकानदारों के सामने अब यह समस्या है कि वे कहां से सामान. उपभोक्ता उनसे लगातार सामान की मांग कर रहा है. जबकि बड़े होलसेलर्स ने माल देना बंद कर दिया है और दे भी रहे हैं तो दाम भी बढ़ा दिए गए हैं. इसका असर मार्केट पर साफ तौर पर दिख रहा है.
ग्रामीण क्षेत्र में खाद्य सामग्रियों के दामों में वृद्धि.
जिले के ग्रामीण क्षेत्र में छोटे व्यापारियों द्वारा गाँव गाँव जाकर सामान बेचतें है साथ ग्रामीण क्षेत्र में छोटे दुकानदार भी अपनी दुकानों का संचालन करते हैं। पसान क्षेत्र में लोगों को जरूरत के सामान महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है। वजह है कि लॉक डाउन की अफवाह से सभी जरूरत के सामानों के दामों में वृद्धि हो गई है। खाद्य तेल से लेकर आलू, प्याज के दामों में वृद्धि होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि खाद्य विभाग द्वारा ऐसे जमाखोरों व बड़े व्यापारियों पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की जाती है।