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कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़): 28 फरवरी को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के द्वारा ग्राम गुरसिया थाना बांगो क्षेत्र में प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था । सम्मेलन में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा आमसभा के दौरान ही सभा स्थल के आसपास की दुकानों को बिना पूर्व सूचना के बंद कराने लगे और बलवा कर हिंसा करते हुए राजेश जायसवाल के मकान में तोड़फोड़ कर वाहनों में आगजनी की गई। इसके बाद भोला गोस्वामी के घर मे तोड़फोड़ कर वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। उपद्रवियों को पुलिस और प्रशासन द्वारा नियंत्रित तो किया गया लेकिन बल की कमी होने से घटना को नही रोका जा सका।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा किये गए तोड़फोड़ व आगजनी की घटना से पीड़ितों ने पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान उठाते हुए आरोप लगाया है कि पुलिस प्रशासन को गोंगपा द्वारा किये गए सभा से पूर्व पुलिस को घटना का संदेह था उसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन द्वारा अतिरिक्त पुलिस बल की सुरक्षा व्यवस्था नही की गई। जिसकी वजह से इतनी बड़ी घटना कोरबा जिले के गुरसियां में घटी। घटना से पीड़ित गुरसियां के राजेश जायसवाल व जनपद सदस्य भोला गोस्वामी ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया है।
जिला प्रशासन ने जब रैली,सभा पर प्रतिबंध लगाया तो क्यों हुई सभा?
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गुरसियां क्षेत्र के जनपद सदस्य भोला गोस्वामी ने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि जब जिला प्रशासन द्वारा जिले में किसी प्रकार की रैली व सभा पर प्रतिबंध लगाया गया है तो आखिर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा इतनी बड़ी सभा क्यों रखी गई। गोंगपा की सभा में लगभग 5 से 7 हज़ार लोगों की भीड़ रही। और उन्हीं में से कुछ उपद्रवियों द्वारा इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस प्रशासन द्वारा दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में छेड़छाड़ कर अन्य पांच लोगों के नाम जोड़कर सोशल मीडिया में गलत भ्रांतियां फैलाई गई है। जिसमें गोंगपा के लोगों द्वारा उसी प्रेस विज्ञप्ति को आधार मानकर पांच लोगों को निशाना बनाया गया। पुलिस द्वारा एक दिन पूर्व हम लोगों को सूचित किया जाता है कि आप लोग सभा के दिन सामने न आएं और कहीं बाहर चल दें। पुलिस द्वारा घटना के एक दिन पूर्व इस तरह की सूचना देना कहीं न कहीं इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस प्रशासन को घटना का अंदेशा पूर्व में ही हो गया था। जब पुलिस को घटना का अंदेशा था तो सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं बढाई गई। दो घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना होने के बाद बाकी घरों में सुरक्षा व्यवस्था न बढाना कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन की सबसे बड़ी चूक साबित हो रही है।
गोंगपा ने प्रशासन को भी किया गुमराह
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तोडफोड व आगजनी की घटना के निशाने पर रहे गुरसियां के व्यवसायी लक्ष्मी अग्रवाल ने मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने पुलिस प्रशासन को गुमराह किया है उनके द्वारा पुलिस को कहा गया था कि 28 फरवरी को दादा हीरासिंह मरकाम की मूर्ती खंडित करने को लेकर गुरसियां में शांतिपूर्ण सभा आयोजित कर मूर्ती तोड़ने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी की पुलिस प्रशासन द्वारा मांग की जाएगी और दो से तीन हज़ार गोंगपा कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। लेकिन इसके विपरीत गोंगपा की सभा में लगभग 5 से 7 हज़ार कार्यकर्ता उपस्थित हुए और उन्हीं में से कुछ उपद्रवियों द्वारा गुरसियां के पांच घरों को निशाना बनाते हुए दो घरों में तोड़फोड़ व आगजनी जैसी बड़ी घटना को अंजाम दिया। जिसके तहत पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा बल की पूरी व्यवस्था नहीं कि गई। जब घटना राजेश जायसवाल के निवास पर लगभग 500 गोंगपा समर्थक कार्यकर्ताओं ने धावा बोला तब उस स्थान पर पुलिस बल की व्यवस्था नहीं कि गई थी। जब राजेश जायसवाल और भोला गोस्वामी के घर बड़ी संख्या में गोंगपा समर्थकों ने तोड़फोड़ की तब पुलिस उन उपद्रवियों को रोकने में असफल साबित हुई। कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन द्वारा इस घटना में बड़ी चूक हुई है।
हज़ारों की संख्या में किस पर करें नामजद शिकायत, घटना से परिवार व गुरसियां गाँव में दहशत का माहौल निर्मित.
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा किये गए गुरसियां में सभा के दौरान उपद्रव की सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले राजेश जायसवाल ने अपनी दास्तान बयां करते हुए बताया की इस घटना में गोंगपा द्वारा किये गए उपद्रव में उनको सबसे ज्यादा नुकसान व मानसिक तौर पर परेशान कर दिया है। उनके यहां की 4 दो पहिया वाहनों को जला दिया गया और चार पहिया वाहन को पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया। गोंगपा के सभी कार्यकर्ता हथियारों से लैस थे। पुलिस भी उनको रोक पाने में असफल साबित हो रही थी। जिसकी वजह से इस घटना को आसानी से अंजाम देकर गोंगपा अपने मकसद में सफल साबित हुई है। इस घटना में हज़ारों की संख्या में गोंगपा कार्यकर्ता पहुंचे थे जोकि पूरी तरह उग्र थे ऐसे में उनके द्वारा किस किस पर नामजद शिकायत करें । जिसमें अधिकांश कार्यकर्ता अन्य जिलों से आय हुए थे। इस घटना के बाद उनका परिवार व पूरा गुरसियां गांव दहशत में है। शिकायत पर कहीं दोबारा न इससे भयानक घटना को अंजाम दें इसलिए वे इस पर कोई शिकायत नही करना चाहते हैं।
गोंगपा द्वारा गुरसियां में तोड़फोड़ व आगजनी की बड़ी घटना में कहीं न कहीं जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन की चूक सामने नज़र आ रही है। जब मूर्ती तोड़ने की घटना के बाद प्रशासन ने दादा हीरा सिंह मरकाम की खंडित मूर्ती की जगह आदमकद मूर्ती की स्थापना का आश्वासन गोंगपा को दिया गया तो प्रशासन को सभा की सूचना होने के बाद मूर्ती क्यों नही स्थापित की गई तथा एक तरफ जहां जिला प्रशासन द्वारा रैली, सभा में प्रतिबंध लगाया गया है तो उसके बावजूद इतनी बड़ी सभा का आयोजन कैसे किया गया। दूसरी तरफ देखे तो पुलिस प्रशासन द्वारा जब मूर्ती खंडित करने के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद असंतुष्ट गोंगपा द्वारा इस तरह की सभा और सभा के दौरान उपद्रव कर दो घरों को निशाना बनाकर तोडफोड व आगजनी की घटना को अंजाम देना ऐसे में इस घटनाक्रम में कहीं न कहीं जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की सबसे बड़ी चूक नज़र आ रही है।
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