कोरबा.( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : प्रदेश और देश में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों ने एक बार चिन्ता का वातावरण बना दिया है। इसलिए सरकार ने स्वास्थ्य सेक्टर को अग्रिम तैयारियों के लिए निर्देशित किया है। कोरबा में स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा इसी कड़ी में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति जानने के लिए मॉक ड्रिल किया गया।
वर्ष 2019 से 2021 के दौरान कोविड19 की विकराल स्थिति ने चौतरफा भयानक तस्वीर पेश की। कोरोना की बीमारी के कारण देश और दुनिया में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई जबकि बहुत सारे लोगों को लंबे समय तक इस बीमारी के खतरों से भेजना पड़ा। भारत सरकार ने अपने अनुसंधानकर्ताओं से वैक्सीन की खोज कर आए और इसके माध्यम से देश में अलग-अलग आयु वर्ग के लिए वैक्सीनेशन ड्राइव चलाया। भारत में निशुल्क रूप से यह सुविधा लोगों को उपलब्ध कराए गए और बीमारी को नियंत्रित किया गया। लंबा अरसा गुजरने के बाद एक बार फिर से कोरोना के कुछ मामले प्रकाश में आ रहे हैं इसके कारण डर का माहौल बनता हुआ नजर आ रहा है। इसे लेकर सरकार हरकत में आ गई है। अधिकारियों के निर्देश पर कोरबा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मॉक ड्रिल करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का जायजा लिया गया।
कोरबा जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि हम इस बात का परीक्षण कर रहे हैं कि ऑक्सीजन प्लांट से लेकर ऑक्सीजन मास्क उपकरण और मेडिसिन की क्या स्थिति है। तकनीकी उपकरण किस हालत में है इसे भी गंभीरता से लिया गया है।
वैक्सीन की सप्लाई फिलहाल बंद है और इसके लिए कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
मौजूदा सीजन में कोरबा जिले की एक महिला की मौत पिछले महीने हुई है जो कोविड-19 positive थी। वर्तमान में कुछ मरीजों के मामले में स्वास्थ विभाग के पास जानकारी मिली है और उचित स्तर पर उनका उपचार किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने के दौरान अनिवार्य रूप से मासक का उपयोग किया जाए। कोविड-19 प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए लोग संभावित खतरे को टाल सकते हैं।