कोरबा : कोरबा 36 कबूतर की मौत, मचा हड़कंप..


कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़)हिमांशु डिक्सेना: 
प्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर जारी किये गए अलर्ट के बीच कोरबा में 36 कबूतरों की मौत हो गई है. हालांकि पशु चिकित्सा विभाग ने पक्षियों के बर्ड फ्लू से मौत होने की पुष्टि नहीं की है. विभाग के अनुसार मृत पाए गए पक्षियों में विटामिन सी की कमी होने के कारण मौत हुई है. विभाग ने पक्षी पालक और पोल्ट्री फॉर्म के संचालकों से सावधानी बरतने की अपील की है. पक्षियों के नाक और आंख में पानी आने जैसे लक्षण दिखते ही सूचना देने की अपील की है.

कोरबा में 36 कबूतरों की मौत

पढ़ें: चार राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले, प्रसार को रोकने के लिए परामर्श जारी

देश के चार राज्यों में बर्ड फ्लू की आहट के कारण लोग सतर्क हो गए हैं. इस बीच कोरबा में भी 36 कबूतरों की मौत हो गई. मामला संज्ञान में आने पर पशु चिकित्सा विभाग ने शुरुआती जांच की. लोगों से कहा गया है कि अगर पक्षियों में किसी प्रकार की समस्या होती हैं. उनकी मौत होती है, तो तुरंत पशुधन विभाग को सूचना दी जाए.

36 pigeon dies due to vitamin C deficiency in SECL colony of Korba

SICL कॉलोनी में 36 कबूतरों की मौत

शौक से पाले कबूतर की मौत
कोरबा के एसईसीएल कॉलोनी सुभाष ब्लॉक में रहने वाले बबलू मारवाह ने काफी समय से अपने घर में कबूतर पाल रखे हैं. इनकी संख्या 100 है. इसी में से 36 कबूतर एक एक कर मर गए. इससे वह सकते में आ गए हैं. बबलू ने पशु चिकित्सा विभाग को सूचित किया. वेटरनरी डिपार्टमेंट के डॉक्टर सोहम सिंह गुर्जर और उनके सहयोगी मौके पर पहुंचे. डॉक्टर्स ने कहा कि कबूतरों की मौत के पीछे बर्ड फ्लू जैसा लक्षण नहीं है और ना ही कोई कारण है.

36 pigeon dies due to vitamin C deficiency in SECL colony of Korba

विटामिन सी की कमी से कबूतरों की मौत

विटामिन सी की कमी से 36 कबूतरों की मौत
सामान्य तौर पर बर्ड फ्लू के कारण पक्षियों के आंख और नाक से पानी आता है. मलद्वार में सूजन होने सहित पंखों के झड़ने की परेशानी होती है. कोरबा में कबूतरों की मौत पर ऐसा कुछ नहीं हुआ है. विभाग ने माना कि विटामिन सी की कमी से 36 कबूतरों की मौत हुई है.

‘पक्षियों की मौत होने पर जल्द दें जानकारी’

पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर्स ने बर्ड फ्लू के मद्देनजर पक्षी पालकों से अपील की है. कहा कि अगर पक्षियों के मुंह और आंख से पानी आने जैसी समस्या नजर आए तो जानकारी दें. इसके अलावा पक्षियों की मौत होने पर भी अवगत कराएं. ऐसा करने से समय पर नियंत्रण किया जाना संभव होगा