कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना :- सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूआ, घुरवा, बाड़ी विकास योजना के तहत दूसरे चरण में जिले में गौठानों की स्थापना का काम धीमा होेने पर कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कोरबा और करतला जनपद पंचायतांे के सीईओ के प्रति गहरी नाराजगी जताई है। समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक में योजना की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने गौठान बनाने के सभी शेष बचे काम एक सप्ताह के भीतर पूरा कराने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर ने बैठक में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि एक सप्ताह के भीतर गौठानांे के काम पूरे नहीं होने पर उनकी अन्यत्र पदस्थापना पर भी विचार किया जा सकता है। इस बैठक में जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार ने भी एनजीजीबी के कार्यों की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त की और सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को काम में देरी या लापरवाही करने वाली एजेंसियांे को बदलने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने एनजीजीबी के तहत कार्यों की साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी विकास के कार्यों की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा के आधार पर जनपद पंचायतों का हर सप्ताह रैंक तय किया जाये और लगातार कमजोर प्रदर्शन वाले सीईओ के विरूद्ध कार्रवाई की जाये।
बैठक में श्रीमती कौशल ने गौठानों में बन रही वर्मी कम्पोस्ट की मात्रा और बिक्री की भी जानकारी अधिकारियों से ली। उन्होंने प्रमाणीकरण के लिये वर्मी कम्पोस्ट के नमूने जांच कराने रायपुर की लैब भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिये ताकि कम्पोस्ट खाद की गुणवत्ता प्रमाणित होने के बाद उसे बेचा जा सके। कलेक्टर ने वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग की तैयारियों के बारे में भी बैठक में अधिकारियों से पूछा। उन्हांेने पैकेजिंग के लिये बैग, छानने के लिये छन्नी आदि की व्यवस्था की जानकारी ली और अभी तक गौठानों में बन चुकी कम्पोस्ट खाद को जांच के बाद तत्काल पैकेजिंग कर आवश्यकतानुसार-मांग अनुसार बिक्री करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने नरवा विकास कार्यक्रम के तहत भी कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन अभियंता को सभी प्रभारी सब-इंजीनियरों का साप्ताहिक प्रगति प्रतिवेदन बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नरवा विकास के कार्यों में लक्ष्यानुसार प्रगति नहीं ला पाने वाले सब-इंजीनियरों पर भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।