कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ आर्थो सर्जन डॉ. हिमांशु खुटिया ने अनेकों कमाल कर दिखाए है जहां मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौटे हैं। डॉ हिमांशु खासकर उन मरीजो के लिए वरदान साबित हो रहे हैं जो अन्यत्र स्थानों से ईलाज कराकर मायूस थे लेकिन इनके ईलाज से पूरी तरह स्वस्थ हो रहे हैं।जी हाँ, डॉ. हिमांशु का कमाल और कटघोरा बीएमओ रुद्रपाल सिंह कंवर का मार्गदर्शन मरीजो के लिए बेहद कारगर साबित हो रहा है।डॉ. हिमांशु ने हाल ही में एक 56 वर्षीय महिला के घुटने की सफल सर्जरी कर दिखाई है जहां महिला 4 वर्षो से भारी पीड़ाग्रस्त थी और चलने में नाकाम थी,
देश का पहला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घुटने जहां सफल ऑपरेशन..
आपको बता दे कि जिला कोरबा के इमलीडूगु बायपास रोड हनुमान दरबार निवासी 56 वर्षीय सुशीला द्वेदी सन 2007 से गठिया बाद की बीमारी से ग्रसित है।जिस कारण महिला को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है सन 2007 में महिला परिवार सहित अमरकंटक घूमने गई थी जहां महिला का पैर फिसल गया और घुटना फ्रेक्चर हो गया था,जिसके इलाज हेतु महिला कोरबा के बहुचर्चित निजी अस्पताल पहुची और इलाज करवाया जहां महिला के घुटने की सर्जरी तो हुई लेकिन सक्सेस नही हुई और महिला चलने फिरने से नाकाम हो गई तथा असहनीय पीड़ा झेलने को मजबूर हो गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राइवेट हॉस्पिटल से आगे रोजाना कई ऑपरेशन हो रहे हैं सफल
इस दौरान 2022 के आखरी माह में महिला के परिजनों को किसी सज्जन ने बताया कि कटघोरा के स्वास्थ्य केंद्र में मशहूर आर्थो सर्जन डॉ. हिमांशु खुटिया पदस्थ है आप एकबार उनसे परामर्श ले,तो महिला के परिजनों ने बिना देर किए कटघोरा का रुख किया और डॉ हिमांशु से मुलाकात की,इस दौरान डॉ हिमांशु ने महिला की प्राथमिक जांच की और बताये की यह ठीक हो जाएगी और अपने पैरों से चलेगी,तो महिला व उनके परिजनों ने बिना देर किए महिला को एडमिट किया और इलाज का शिलशिला शुरू हुआ।
बता दे कि पूर्व में महिला का इलाज कोरबा के बहुचर्चित निजी अस्पताल में हुआ था जहां इनकी सर्जरी तो हुई थी लेकिन वह कारगर नही रही,जिस कारण महिला चलने में असहाय हो गई,वही डॉ हिमांशु ने दिसंबर 2022 में महिला की सर्जरी कर घुटने में लगी रॉड व प्लेट को निकालकर बाहर किया और 27 फरवरी 2024 को एडमिट कर 7 मार्च को महिला की सफल सर्जरी हुई,सर्जरी होने के दूसरे दिन महिला को चलाया गया जहां महिला वाकर के सहारे चलने में कामयाब रही,सर्जरी के बाद से महिला सहित परिजनों में खुशी का माहौल है।
इसमे कोई दो राय नही कि अगर कोई मरीज डॉ. हिमांशु के पास ईलाज करवाने हेतु पहुच जाए तो वह निराश नही लौटता, फिर चाहे वह मरीज गम्भीर अवस्था मे भर्ती हो या किसी अन्यत्र स्थान के इलाज से मायूस हो।कटघोरा अस्पताल में डॉ. हिमांशु की पदस्थापना बाद से मरीजो को रिफर नही होना पड़ता है बल्कि उनका स्वास्थ्य केंद्र में ही सफल इलाज संभव हो रहा है,यही कारण है कि आज डॉ. हिमांशु कटघोरा में ही नही बल्कि पूरे प्रदेश में ख्याति प्राप्त है।