कोरबा/कटघोरा 25 सितम्बर 2022 ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) : घने वनों से आच्छादित कटघोरा वन मंडल के जंगल में बाघ और तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। वन मंडल के पाली रेंज में वन विभाग द्वारा लगाए गए एक ट्रेप कैमरे में बाघ और तेंदुआ दोनों का फोटो ट्रेप हुआ है।
उल्लेखनीय है कि कटघोरा वन मंडल में पाली वन परिक्षेत्र में पिछले कई दिनों से किसी अज्ञात जंगली जानवर द्वारा ग्रामीणों के पालतू मवेशियों का शिकार किया जा रहा था। इसे लेकर ग्रामीण वन विभाग पर उदासीनता बरतने का आरोप लगा रहे थे। विभाग के अफसर भी लगातार हो रही घटनाओं को लेकर चिंतित थे, घटना स्थान से मिले पदचिन्ह के आधार पर विशेषज्ञों ने तेंदुआ द्वारा मवेशियों का शिकार किए जाने की आशंका जताई थी, बावजूद ग्रामीण बाघ द्वारा शिकार की आशंका व्यक्त कर रहे थे। जिस पर वन विभाग के विशेषज्ञों की टीम ने लगातार जंगल में सर्वे किया और जांच-पड़ताल के साथ जंगल में ट्रैक कैमरा लगाया गया।
पाली रेंज के चैतुरगढ़ लाफा जंगल में लगाए गए ट्रेक कैमरा में वन विभाग की टीम को बाघ और तेंदुए की फोटो मिली है । कैमरे में कैद फोटो को देखते ही विभाग के अफसर डंग रह गए और तत्काल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। जिसके बाद कैमरे में कैद फोटो को वरिष्ठ अफसरों को भेजा गया और लगातार क्षेत्र में बाघों के संरक्षण व संवर्धन की दिशा पर प्रयास किया जा रहा है। ताकि इससे किसी तरह की कोई परेशानी व समस्या ना हो। उल्लेखनीय है कि कटघोरा वन मंडल अचानकमार टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है और यही वजह है कि बीच-बीच में अचानकमार टाइगर रिजर्व से बाग की चहल कदमी क्षेत्र में होती रहती है। संभावना जताई जा रही है कि लाफा जंगल में बाघ पाया गया है वह अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र से विचरण करते हुए यहां आया होगा।
बाघ की आमद से ग्रामीणों में दहशत
कटघोरा वन मंडल के पाली रेंज में बाघ, तेंदुए की धमक से जंगल गूंज उठा है। निश्चित तौर पर विभाग भी खुशी से झूम उठा है लेकिन वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में बसने वाले ग्रामीण दहशत में है। वहीं वन विभाग की टीम बाघ की धमक की खबर को लेकर चुप्पी साधे हुए है क्योंकि विभाग को शिकारियों से भी भयभीत होना पड़ रहा है।