कोरबा : कटघोरा जिला बनाने की मांग को लेकर बीजेपी युवा मोर्चा के उत्तम सिंह रंधावा बैठे भूख हड़ताल पर.. जब तक शासन प्रशासन नही आती प्रतिक्रिया तब तक जारी रहेगा भूख हड़ताल..

कटघोरा 17 अगस्त 2023 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही कटघोरा को जिला बनाने की मांग फिर तेज़ हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले आज कटघोरा को जिला बनाने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के रायगढ़ विधानसभा युवा मोर्चा सह प्रभारी उत्तम सिंह रंधावा आज से अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। बतादें की उतम सिंह रंधावा इसके पूर्व कटघोरा को जिला बनाये जाने की मांग को लेकर कटघोरा से रायपुर तक पदयात्रा कर मुख्यमंत्री भपेश बघेल से मिलने गए थे लेकिन अभी तक छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा कटघोरा को जिले का दर्जा नही दिया गया ।

बीजेपी के मण्डल अध्यक्ष धन्नू प्रसाद दुबे ने कहा कटघोरा विधायक ने विधानसभा चुनाव में कटघोरा को जिले बनाने का वादा किया था लेकिन इसको भी पूरा नही किया है। छत्तीसगढ़ की काँग्रेस सरकार लबरा सरकार है। दीपका के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि कटघोरा कोरबा जिले की सबसे पुरानी 1912 की तहसील है लेकिन इसके बावजूद इसके बाद कि बनी तहसील को जिला बना दिया गया लेकिन कटघोरा को आज तक जिला का दर्जा नही दिया गया। यह छत्तीसगढ़ सरकार और कटघोरा विधायक की सबसे बड़ी नाकामी है। उत्तम सिंह रंधावा के समर्थन में भाजपा के जिले के जिला अध्यक्ष राजीव सिंह वरिष्ठ नेता नवीन पटेल . पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा राजकुमार अग्रवाल , मंडल अध्यक्ष धन्नू दुबे फ्रॉम बीजेपी के समस्त पदाधिकारी की समर्थन मिला है।

कटघोरा जिला बनाओ अभियान को लेकर अधिवक्ताओं के धरना प्रदर्शन के दौरान विभिन्न राजनीतिक दल, सर्व समाज के द्वारा कटघोरा को जिला बनाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा था। साथ पत्रकारों द्वारा भी जिले की मांग को लेकर सांसद, विधायक व विधानसभा अध्यक्ष के पास मिलकर कटघोरा को जिला बनाने की मांग को रखा था। लेकिन अब आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व कटघोरा को जिला का दर्जा देने की मुहिम में अब तेज़ी आने लगी है।

उत्तम सिंह रंधावा ने बताया कि कटघोरा को जिला बनाये जाने की मांग काफी पुरानी है। कटघोरा तहसील की स्थापना 1912 में हुई थी जबकि उसके बाद कि सभी तहसीलें जिला बन गई है परंतु अभी तक कटघोरा को जिले का दर्जा नही मिल पाया है। सभी ने एक स्वर में कहा है कि अब कटघोरा का हक नही मारा जाएगा, कटघोरा को जिले का दर्जा दिलाने के लिए जो भी लड़ाई लड़नी पड़े,तो भी लड़ेंगे पर जिले का हक लेकर रहेंगे।