कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) :- कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण कोरबा जिले में बने कंटेनमेंट जोनो में गर्मी के मौसम में भी लोगों को पूरी सुरक्षा के साथ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के निर्देश पर पेयजल समस्या वाले कंटेनमेंट जोन घोषित ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को कोविड प्रोटोकाॅल और पूर्ण तालाबंदी के प्रावधानों का पालन कराते हुए पीने का भरपूर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। लोक स्वास्थ्य यंांत्रिकी विभाग ने ऐसे सभी कंटेनमेंट जोन घोषित ग्रामीण इलाकों में हैण्डपंपो और स्पाॅट सोर्स पेयजल योजनाओं तथा सार्वजनिक नलों के पास सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से सुरक्षा चक्र बनवा दिए हैं। कंटेनमेंट जोन के लोग पानी भरने के समय इन सुरक्षा चक्रों में कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं और अपना क्रम आने पर पानी भरकर सुरक्षित रूप से घर ले जा रहे हैं। कोरोना संक्रमितों के मिलने के बाद भैंसमा और कोरकोमा को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या अधिक होने के कारण पूर्ण लाॅकडाउन लागू है। लोगों की बेवजह आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ऐसे में पीने और निस्तारी के पानी के लिए लोगों को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जिलगा को भी कोरोना पाॅजिटिव मिलने पर कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यहां भी पूर्ण तालाबंदी के प्रावधान सख्ती से लागू हैं। ऐसे में लोगों को पीने के पानी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित कराने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा ट्रैक्टर-ट्राॅली पर पानी टंकी रखकर घर-घर पानी पहुंचाया जा रहा है। पानी की इस टंकी को खाली होने पर बोरवेल से भरा जाता है और कोरोना संक्रमित परिवारों सहित गांव के अन्य लोगों को भी घर पहुंचाकर पानी बांटा जा रहा है।
गर्मी के इस मौसम में कोरोना संक्रमित परिवारों ने पानी की घर पहुँच सुविधा की सराहना की है। ग्रामीणों का कहना है कि इस कोरोना काल में संक्रमण से सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है परंतु गर्मी के मौसम में पीने के पानी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता भी जरूरी है। मरीजों के साथ-साथ दूसरे लोगों को भी पानी चाहिए। ऐसे में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने घर-घर पानी पहुंचाने की व्यवस्था कर सराहनीय काम किया है। इसके साथ ही कोरोना मरीजों के कारण कंटेनमेंट जोन घोषित इलाकों में दूसरे लोगों को भी संक्रमण से बचाने के लिए हैण्डपंपो या सोलर पंप वाले नलों के पास सुरक्षा चक्र बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने का तरीका भी काबिले तारीफ है। ग्रामीणों का कहना है कि अब लोगों को सोशल डिस्टंेसिंग का पालन करते हुए सुरक्षित तरीके से अपनी जरूरत का पानी मिल जा रहा है। किसी तरह की भीड़ हैण्डपंप या नल के पास नहीं लग रही है जिससे कोरोना फैलने का डर भी कम हो गया है।
धनंजय डिक्सेना की रिपोर्ट…