कोरबा: एसईसीएल सिंघाली भूमिगत कोयला खदान का ऊपरी हिस्सा धंसा, मचा हड़कंप

कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़)/साकेत वर्मा : साउथ इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (SECL) कोरबा एरिया में आने वाले भूमिगत सिंघाली कोयला खदान का ऊपरी हिस्सा एकाएक धंस गया. एसडीबी परियोजना के अंतर्गत आने वाले कोयला खदान में हुए इस हादसे के बाद आसपास के ग्रामीण दहशत में है. घटनास्थल से चंद कदम की दूरी पर एक गौठान भी स्थित है. हालांकि अच्छी बात ये रही कि जिस वक्त खदान के ऊपर की भूमि का हिस्सा जमींदोज हुआ, तब वहां कोई भी मवेशी या इंसान मौजूद नहीं था. घटना के बाद मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई.
सिंघाली खदान में हुए हादसे में 12 मीटर चौड़ा और लगभग 25 फीट की गहराई तक जमीन धंस गई है. हालांकि जहां यह हादसा जहां हुआ वह बंजर भूमि है, और एसईसीएल द्वारा पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है. फिर भी चिंता की बात यह है कि घटनास्थल से कुछ ही दूर पर ग्रामीण निवास करते हैं, जहां उनके मकान बने हुए हैं.सिंघाली खदान के आसपास के कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां से जमीन के नीचे से कोयला निकाला जा चुका है और भूमिगत खदान के ऊपर लोग निवासरत हैं. इस वजह से यहां के लोग सहम गए हैं. एसईसीएल प्रबंधन का कहना है कि मामले की जांच विशेषज्ञों की टीम करेगी, वैज्ञानिक तरीके से मामले की जांच करनी होगी. जिसके बाद ही पुख्ता तौर पर कुछ कहा जा सकता है. जहां जमीन धंसी है, उसके नीचे कोई खोखला स्थान नहीं है. जिससे एक बात साफ है कि जमीन के नीचे कुछ ना कुछ ठोस परत मौजूद है. जमीन पर पानी जमा होने की भी बात सामने आ रही है, हालांकि जांच के बाद ही सभी बातें साफ हो पाएगी.पढ़ें-ब्लास्टिंग से गिरा ऑफिस की छत का प्लास्टर, संचालक ने SECL पर लगाया आरोपपहले भी हुई थी ऐसी घटनाबता दें कि सिंघाली, SECL कोरबा के डीएसबी(ढेलवाडी-सिंघाली-बगदेवा) परियोजना का हिसा है. कटघोरा के पास एसईसीएल की तीन भूमिगत खदानें हैं. पहले भी सुराकछार में इसी तरह की घटना घट चुकी है. जिस पर भूमिगत खदान में कोयला खोदने के बाद रिक्त स्थान पर डीपिलरिंग में लापरवाही की बातें सामने आई थी.मौके पर पहुंचे कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवरलैंडफॉल की घटना की खबर मिलते ही क्षेत्रीय कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर भी मौके पर पहुंचे. जिन्होंने मौके का निरीक्षण कर अफसरों से चर्चा की और बताया कि घटना के संबंध में एसईसीएल के अधिकारियों से चर्चा की गई है. जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. जो कि अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, इसके बाद ग्रामीणों की जो भी परेशानी या मांग है उसे हर हाल में पूरा किया जाएगा.

साकेत वर्मा की रिपोर्ट..!