कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) ब्यूरो रिपोर्ट:- वैसे को धरती में भगवान का दूसरा रूप चिकित्सक को माना जाता है। और इस कोरोना काल मे दिन रात मेहनत कर अपनी जान जोखिम में डालते हुए डॉक्टरों ने मरीजो की सेवा भी की है।वही एचटीपीपी दर्री के विभागीय चिकित्सालय में एक चिकित्सक ऐसे भी है जिन्होंने अपनी नींद का हवाला देते हुए ड्यूटी पर नही पहुचे जिस वजह से एक रिटायर्ड विधुत कंपनी का कर्मचारी हमेशा के लिए मौत की नींद सो गया।
दरअसल बुधवार रात लगभग 11:00 बजे के आसपास रामनगर स्याहीमूड़ी निवासी लगभग (70 वर्षीय) सेवानिवृत्त कर्मचारी व्ही सुब्बाराव के सीने में दर्द की शिकायत होने पर पड़ोसियों ने उसे विधुत कंपनी के चिकित्सालय लेकर पहुंचे। व्ही सुब्बाराव अकेले ही किराए के मकान में रहते थे। अस्पताल की नाईट ड्यूटी पर मौजूद नर्सिंग स्टॉफ ने इसकी जानकारी शिफ़्ट के डॉक्टर सी.पी जायसवाल को दी।लेकिन उन्होंने आने से मना करते हुए मरीज़ को 100 बेड अस्पताल रिफर करने की बात कही। लेकिन मरीज के साथ आये लोगो मे सुब्बाराव की स्तिथि नाजुक होने का हवाला देते हुए पुनः ड्यूटी डॉक्टर सी.पी जायसवाल को दी दुबारा नर्सिंग स्टाफ द्वारा कॉल किये जाने से डॉक्टर साहब औऱ भी नाराज हो गए,औऱ उल्टे नर्सिंग स्टॉफ को ही खरी खोटी सुना दी। इस बीच सुब्बाराव की मौत उचित ईलाज के अभाव में हो गयी। वही इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ ऐ.के से संपर्क करने की कोशिश की गयी तो उन्होने कॉल रिसीव ही नही किया। गौरतलब है कि डॉक्टर जायसवाल द्वारा लापरवाही किये जाने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके पूर्व भी उन पर कई अनिमियत्ता का आरोप लगा है। लेकिन विभाग की ओर से किसी प्रकार की कठोर कार्यवाही नही की गयी है। वही इस मामले को दबाने का भरपूर प्रयासः किया जा रहा है। बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि इतनी बड़ी लापरवाही पर अस्पताल व विधुत कंपनी प्रबंधन क्या कार्यवाही करता है।