कोरबा/कटघोरा 11 अप्रैल 2024 : कोरबा जिले में सड़क हादसा थमने का नाम नही ले रहा है। लगातार एक सप्ताह के भीतर बिलासपुर से अम्बिकापुर नेशनल हाइवे 130 में लगभग 10 लोगों की मौत हुई तो वहीं कई की हालत गंभीर बनी हुई है। लेकिन क्या वजह है इन हादसों का, क्या रफ्तार पर लगाम लगाने में यातायात विभाग लाचार साबित हो रहा है। यातायात की कार्यप्रणाली पर लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है।
सांसद ज्योत्स्ना महंत ने इसी साल मार्च महीने में जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक उन्होंने ली थी और बैठक में कलेक्टर श्री अजीत वसंत, जिला पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ तिवारी, जिला परिवहन अधिकारी ने सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए दुर्घटनाओं का कारण जानकर उसका विश्लेषण करते हुए उचित उपाय करने की बात कही थी लेकिन जिस तरह से जिले से गुजरे हुए नेशनल हाईवे से लेकर आम सड़कों पर हादसों की संख्या बढ़ रही है, वह जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और परिवहन विभाग की नाकाम कोशिशों को दर्शाता है। सांसद ने कहा कि भारी वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण के लिए उचित उपाय किया जाना जरूरी है,जिसके लिए प्रशासन गंभीरता दिखाए। हर दिन हादसे में किसी की मौत हो रही है तो कोई अपंग हो रहा है,जिंदगी और मौत से जूझ रहा है लेकिन प्रशासन सिर्फ हादसों के विश्लेषण में ही लगा हुआ है। आखिर वे किस तरह का उपाय कर रहे हैं जो कारगर साबित नहीं हो रहा और रफ्तार पर लगाम नहीं लग पा रहा है।
यातायात व परिवहन विभाग का केवल वसूली पर ध्यान
बतादें की नेशनल हाईवे 130 कटघोरा से अम्बिकापुर मार्ग व बिलासपुर से कटघोरा मार्ग तथा सुतर्रा से बायपास मार्ग ढेलवाडीह के पास यातायात विभाग व परिवहन विभाग रोजाना चेकिंग पॉइंट लगाकर चेकिंग तो करते हैं लेकिन वे ओवरलोड वाहन व तेज रफ्तार वाहन से केवल वसूली कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री करते नज़र आते हैं। वहीं दिन हो रात दोनो ही विभाग लगातार केवल वसूली पर ही अपना ध्यान केंद्रित कर कार्य करते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि जब कोई दुर्घटना होती है तो यातायात विभाग और परिवहन विभाग इन सबसे अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। लेकिन इनके द्वारा न कोई समझाइस दी जाती है और न ही तेज़ रफ़्तार व ओवरलोडिंग पर कोई बड़ी कार्यवाही नही करते हैं इसका नतीजा है कि लगातार सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है और लोगों को अपनी जान गवानी पड़ रही है।