कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल द्वारा रेत के अवैध उत्खनन पर कड़ी पाबंदी लगाई गई है जिसके तहत जिला मुख्यालय में आज कुछ अवैध रेत का उत्खनन करने वालों पर कार्रवाई की गई है लेकिन कोरबा जिले के उपनगरीय क्षेत्र कटघोरा की जीवनदायिनी कही जाने वाली अहिरन नदी का सीना इन दिनों रेत माफिया छलनी करने में लगे हुए हैं, यहां रॉयल्टी खत्म हो जाने के बाद भी रसूखदारों द्वारा रोजाना अवैध तरीके से रेत का उत्खनन व परिवहन किया जा रहा है।
जी हां हम बात कर रहे हैं ग्राम पंचायत धंवईपुर रेत घाट की जहां से अहिरन नदी गुजरती है, इस घाट से रोजाना 400 से लेकर 500 ट्रैक्टर नदी का अस्तित्व को खत्म करते हुए रेत की सप्लाई कर रहे हैं। जब हमारी न्यूज़ टीम बंद पड़े रेत घाट का न्यूज़ कवरेज करने पहुंची तो माजरा कुछ और ही दिखा, यहां पुराने ठेकेदार द्वारा बकायदा चादर और तकिया बिछा कर रॉयल्टी के नाम पर अवैध वसूली की जा रही थी। सूत्र बताते हैं कि पुराने ठेकेदार अभी भी अपने मातहत कर्मचारी को रेत घाट भेज कर हर एक ट्रैक्टरों से 4 से ₹500 रॉयल्टी के नाम पर रिश्वत रूपी पैसा लेकर रेत की अवैध सप्लाई करवा रहे हैं।
और यहां यह बताना लाजमी होगा कि यह गोरखधंधा बांकी मोगरा के वर्तमान भाजपा मंडल अध्यक्ष भागवत विश्वकर्मा द्वारा कराया जा रहा है, जो कि रोजाना 50 से 100 ट्रिप रेत का अवैध उत्खनन कर अपनी जेब गर्म करने में लगे हुए हैं। इनके ट्रेक्टर ड्राइवर बताते हैं कि यह भागवत विश्वकर्मा की गाड़ी है इसे कोई नहीं रोक सकता, बतादें की इस तरह के जवाब से साफ झलक रहा है कि प्रशासन के अधिकारी भी इनके सामने नतमस्तक हैं। क्योंकि उन्हें तो तनख्वाह से ज्यादा रेत माफिया द्वारा कमीशन रूपी पैसा दिया जाता है। वर्तमान भाजपा मंडल अध्यक्ष होने का नाजायज फायदा उठाते हुए यह अधिकारियों के काम में भी अड़ंगा डालते हैं और अपना रौब दिखाने से बाज नहीं आते हैं।
एक तरफ जहां राज्य के मुखिया अवैध खनिज उत्खनन पर रोक लगाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनके मनसा पर पानी फेरने में जरा सा भी परहेज नहीं कर रहें हैं यह अधिकारी और रेत माफिया। अब देखने वाली बात होगी कि खबर आम होने के बाद पूर्व भाजपा मंडल रहे भागवत विश्वकर्मा पर जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई होती है…?