कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़)/साकेत वर्मा : जिले का शिक्षा विभाग और जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडेय एक बार फिर विवादों में हैं. इस बार छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, जनजाति अधिकारी और कर्मचारी संघ(अजाक्स) ने आरोप लगाया है कि उत्कृष्ट विद्यालय में भर्ती के लिए जारी किए गए विज्ञापन में भारी गड़बड़ी की गई है. इतना ही नहीं नियमों को ताक पर रखकर चहेतों से सांठगांठ कर आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए 7 पदों पर पीछे के दरवाजे से नियुक्ति कर दी गई है.
दरअसल, बीते 3 जुलाई को स्कूल शिक्षा विभाग ने शासकीय हाई स्कूल पंप हाउस कोरबा का प्रबंधन शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय पंप हाउस कोरबा की प्रबंधन समिति को सौंप दिया है. प्रत्येक जिले में सरकारी अंग्रेजी स्कूल की स्थापना की जा रही है. कोरबा जिले में शहर के शासकीय हाई स्कूल पंप हाउस को इसके लिए चुना गया है. जिसका नाम परिवर्तित कर अब शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय पंप हाउस कोरबा किया गया है.राज्य शासन ने विज्ञापन जारी कर 36 पद स्वीकृत किए हैं.
DEO पर भ्रष्टाचार के आरोप
जिसमें प्राचार्य और शैक्षणिक स्टाफ के साथ ही भृत्य, चौकीदार के 5 और 2 पद अंशकालिक सफाई कर्मियों के भी शामिल हैं.सफाई कर्मियों के पद जिले के कलेक्टर दर के अनुसार भर्ती किए जाएंगे, जबकि बाकी सभी पदों को प्रतिनियुक्ति के नियमों के अधीन भरा जाना है.
DEO पर भ्रष्टाचार के आरोप
जिला स्तर के विज्ञापन से 7 पद गोल
राज्य शासन से विज्ञापन जारी होने के बाद अब इन्हीं पदों पर भर्ती के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा ने विज्ञापन जारी किया है. जिसमें शैक्षणिक स्टाफ के लिए 29 पद का तो उल्लेख है, लेकिन भृत्य, चौकीदार और सफाई कर्मियों के जिन पदों का उल्लेख राज्य स्तर के विज्ञापन में है. उसे जिला स्तर से जारी किए गए विज्ञापन से विलोपित कर दिया गया है. जिसकी शिकायत अजाक्स ने कलेक्टर सहित शिक्षा विभाग के सचिव से भी की है.
भ्रष्टाचार का आरोप, पुन: विज्ञापन निकालने की मांग
राज्य और जिला स्तर से जारी किए गए अलग-अलग विज्ञापनों को देखकर यह बात साफ है कि जिला स्तर से जारी किए गए विज्ञापन में 7 पद गायब हैं. इसी बात पर आपत्ति जताते हुए अजाक्स ने भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत की है. शिकायती पत्र में अजाक्स ने उल्लेख किया है कि 7 पदों का विज्ञापन नहीं किया गया है. अजाक्स ने इस मामले में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. और इसके जांच की मांग भी की है.साथ ही शासन द्वारा लागू आरक्षण नियमों का भी पालन नहीं किया गया है. इसलिए सभी पदों पर फिर से विज्ञापन निकाला जाए.
लगातार विवादों के बाद भी नहीं होती कार्रवाई
कोरबा के जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ शिकायत और विवाद कोई नई बात नहीं है. लगातार गंभीर शिकायतों के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. हाल ही में जिले के प्रवास पर आए शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी शिकायतों के सवाल पर जांच के बाद कार्रवाई की बात कही थी.
नहीं दिया कोई जवाब
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडेय का पक्ष नहीं मिल पाया है. कई बार फोन करने के बाद भी उन्होंने फोन नहीं उठाया और मैसेज का जवाब नहीं दिया. अभी तक इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी का पक्ष नहीं मिल पाया है.