केन्दई जलप्रपात स्थित स्वामी भजनानंद वनवासी सेवा आश्रम में सामूहिक विवाह संपन्न। 59 जोड़े बधे विवाह सूत्र में, देश व विदेश से आए लोगों ने किया कन्यादान।

कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना पोड़ी-उपरोड़ा :- जिला मुख्यालय से 90 कि.मी.दूर कटघोरा-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग में केंदई में स्वामी भजनानंद आश्रम स्थित है। स्वामी शारदानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में पिछले दो दशक से सैकड़ों विभिन्न जाति व समुदाय के वनवासी जोड़े वैवाहिक जीवन में बंधकर अपना खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। महायज्ञ एवं विवाह कार्यक्रम में प्रदेश व देश के विभिन्न प्रांतों से साधु संत, विद्वानों का भी आशीष प्राप्त हो रहा है। इस अवसर पर श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन भी किया गया था।


विदेशों में रह रहे धर्मावलंबी जन अपने बच्चों के साथ प्रत्येक आयोजन में यहां पहुंचकर निस्वार्थ सेवा प्रदान करते हैं। बेटी के पालक के रूप में कन्यादान तो वर पक्ष की ओर से बाराती बनकर पवित्र अग्नि के समक्ष संस्कारों का निर्वहन करते हैं। वर-वधु को शुभ शुरूआत के लिए दाम्पत्य जीवन की हर आवश्यक वस्तु उपहार स्वरूप प्रदान किया गया। ऐसा नहीं कि विवाह के बाद उनका कर्तव्य पूर्ण हो गया, वे जीवन पर्यंत इन जोड़ों के माता व पिता के रूप में हर जरूरत के वक्त ढाल बनकर साथ होते हैं और जीवन के संघर्ष में मजबूती से खड़े रहने हर संभव सहायता भी उपलब्ध कराते रहते हैं। यह 20वां वर्ष है, जब स्वामी भजनानंद आश्रम में वनवासी जोड़ों का सामूहिक विवाह सम्पन्न हुआ। इस वर्ष 59 वनवासी जोड़े गुरूवार को वैदिक रीति से पवित्र अग्नि के समक्ष वैवाहिक जीवन में प्रवेश किया व नए जीवन की शुभ शुरूआत की । सजे-धजे वनवासी जोड़े व उनके परिजन के साथ देश-विदेश से आए पालक माता-पिता बाराती की भूमिका में अपने दायित्वों को पूरा कर संस्कार निभाएंगे। परम पूज्य स्वामी शारदानंद सरस्वती ने नवविवाहित वर-वधुओं को उज्जवल व सुखी जीवन का आशीर्वाद प्रदान किया। वैदिक रीति-नीति व मंत्रोच्चार के बीच वनवासी युवक-युवतियां जीवनभर साथ निभाने का वचन लिया, इस मौके पर पाली तानाखार विधायक मोहित केरकेट्टा, भाजपा के संगठन मंत्री राम प्रताप सिंह तथा बड़े गणमान्य नागरिक व ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।