कृषि कानून 2020 को लेकर प्रदेशभर के किसान संगठन विरोध कर रहे हैं. शुक्रवार को करीब 25 किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के इस कानून का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया.

रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में शुक्रवार को 25 किसान संगठनों ने कृषि कानून के विरोध में रैली निकालकर प्रदर्शन किया. साथ ही किसानों ने केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की है. राजधानी के आजाद चौक स्थित गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शनकारियों ने गांधी जी और शास्त्री जी को उनकी जयंती पर स्मरण करते हुए किसान सत्याग्रह की शुरुआत की. इस मौके पर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस कानून के विरोध में अपने विचार व्यक्त करते हुए, इस बिल को वापस लेने की मांग की है. किसान नेताओं ने कहा है कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर किसानों, मजदूरों, बेरोजगार युवाओं के अधिकारों के पक्ष में खड़े होकर, इस व्यवस्था के खिलाफ संगठन और आंदोलन को मजबूत करने की जरूरत है.

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले किसानों ने 2 अक्टूबर से राज्यव्यापी किसान आंदोलन का उद्घोष कर दिया है. जिसमें इस तरह से किसान संघ अपनी आवाज और बुलंद करेगा.

  • 3 अक्टूबर से गांव में किसान मजदूर ‘बैइठका’ का आयोजन किया जाएगा.
  • 3 अक्टूबर को ही जिला किसान संघ की ओर से राजनांदगांव में चक्काजाम किया जाएगा.
  • 14 अक्टूबर से प्रदेश भर के सांसदों का घेराव करके आंदोलन किया जाएगा.

प्रदेशभर में कानून का विरोध

छत्तीसगढ़ में भी किसान अब केंद्र सरकार की ओर से लाए गए इस कृषि कानून का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. प्रदेश भर में किसानों का आंदोलन लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. आने वाले समय में सांसदों के घेराव से आंदोलन और भी बड़ा हो सकता है.