कवर्धा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) रमाशंकर सह : पंडरिया नगर के ग्रामीण अंचलों में हुई बारिश और तेज हवाओं से धान की खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. अर्ली वैरायटी के धान जैसे महामाया 1010 – 1001 में बालियां निकल कर तैयार हो चुकी थी. ऐसे में अचानक हुई बारिश और तेज हवाओं के चलते धान की खड़ी फसल गिर गई है. जो किसान के लिए मुसीबत बन गई है. किसान परेशान हैं. उन्हें इससे नुकसान हुआ है. धान के गिरने से बालियां पानी में डूब गई है. जिसके चलते इन बालियों में बदरा लगने की आशंका बनी हुई है.
कुंडा निवासी उमेश चन्द्राकर किसान ने बताया की धान की लहराती फसल को देखकर अच्छे उत्पादन की आस जगी थी, लेकिन बीते दिनों हुई बेमौसम बरसात में सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. बेमौसम बारिश और तेज हवाओं के चलते धान की खड़ी फसल गिर गई है. इससे धान की ज्यादातर बालियां पानी में डूब चुकी है. ऐसे में बदरा आने से उत्पादन में कमी आने की भी आशंका है.
पानी में डूबने से धान की बालियां खराब भी हो सकती है. किसानों ने बताया कि महामाया किस्म के धान में बलिया निकल कर तैयार थी. वहीं 2 दिनों में हुई बेमौसम बरसात से बालिया निकले धान को गिरा दिया. जिसे उठाने की जुगत में किसान लगे हुए हैं.
ऐसे बचे नुकसान से
वरीष्ठ कृषि विकास अधिकारी एसएल सोनवानी ने बताया कि ज्यादा पैदवार के लिए खाद का उपयोग अत्यधिक किया जता हैं. जिससे फसल ज्यादा बड़ी हो जती है. लेकिन इससे फसल में मजबूती कम हो जाती है. उन्होंने कहा कि किसानों को समझाया जाता है कि धान में ज्यादा यूरिया का उपयोग न करें. वहीं यूरिया की ज्यादा मात्रा में उपयोग करने से धान के पौधों के तने कमजोर होते हैं. बारिश और तेज हवा से कुछ जगहों पर धान के पौधे गिर गए हैं. अगर फसल खेत में भरे पानी के सम्पर्क में आती है तो नुकसान हो सकता है. नुकसान से बचने के लिए गिरे धान के पौधे को उठा कर जिस तरह से गन्ने को बांधा जाता है, उसी तरह बांधकर रखने की सलाह दी गई है.