कोरबा/कटघोरा 4 अप्रैल 2023 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ )शारदा पाल : कटघोरा के बाजार में साप्ताहिक बंदी का असर नहीं दिख रहा है। मंगलवार को दुकानदारों ने अपनी दुकानें पूर्व की भांति ही खोलीं। कटघोरा व्यापारी संघ ने सर्वसम्मति से अनुविभागीय अधिकारी के मार्गदर्शन में मंगलवार को साप्ताहिक बन्द का निर्णय लिया था। जिस पर अनुविभागीय अधिकारी ने आदेश भी जारी किया था जिसमे आवश्यक दुकानों जैसे मेडिकल स्टोर्स, डेली नीड्स, दूध व सब्जी बाज़ार को खोलने की अनुमति दी गई थी। लेकिन व्यापारी संघ के निर्णय व SDM के द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद भी व्यापारियों के द्वारा साप्ताहिक बंदी के दिन दुकानों को बंद नहीं रखा जा रहा है। बाजार दुकानों पर कार्य करने वाले श्रमिकों को अवकाश नहीं मिल पा रहा है। दुकानदारों के द्वारा सुबह से ही दुकानें अन्य दिनों की तरह की खोली जा रही है। बाजार में खाने पीने की दुकानें, रेडीमेड कपड़ों की दुकान, जनरल स्टोर, जुता चप्पल, मोबाइल सहित अन्य प्रतिष्ठान अन्य दिनों की तरह ही खोले जा रहे हैं।
कटघोरा नगर में साप्ताहिक बंदी का दुकानदारों द्वारा जमकर मखौल उड़ाया जा रहा है। बंदी को लेकर श्रम विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है। नगर में साप्ताहिक बंदी का खुला उल्लंघन किया जा रहा है बेखौफ व्यापारी इस साप्ताहिक बंदी पर भी लगातार दुकान खोल रहे हैं। कटघोरा नगर में मंगलवार को साप्ताहिक बंदी का दिन कटघोरा व्यापारी संघ, नगर पालिका व प्रशासन द्वारा तय है। लेकिन यहां के सैकड़ों दुकानदार दूसरे दुकानदार की देखा देखी मैं अपनी अपनी दुकानों को खोलकर साप्ताहिक बंदी का मजाक बना रहे हैं । कुछ दुकानदारों का कहना है कि साप्ताहिक बंदी मैं जब कोई दुकानदार चोरी-छिपे अपनी दुकान खोलता है तो फिर दूसरे दुकानदार को भी अपनी दुकान खोलने का लालच आ जाता है । जिसके चलते देखा देखी मैं फिर सारा बाजार खुल जा रहा है ।
कुछ दुकानदारों का कहना है कि साप्ताहिक बंदी का पूर्ण रुप से पालन होना चाहिए ताकि कोई भी दुकानदार दुकान ना खोल सके । दुकानदारों का यह भी कहना है कि 1 सप्ताह में एक बार बाजार पूर्ण रूप से अवश्य बंद हो ताकि दुकानदार जिस दिन अपनी रिश्तेदारी या बाहर से जाकर अपना सामान ला सके और परिवार के साथ कहीं घूमने जा सके । मंगलवार को भी नगर के बाजार गुलजार रहे और दुकानदार बिना किसी संकोच के अपना कारोबार करते नजर आए। जबकि मंगलवार का दिन साप्ताहिक बंदी के लिए घोषित है।
कोरोना काल के बाद से इस दिन साप्ताहिक बंदी घोषित की गई थी। इसी दिन से अधिकारियों ने दुकान खोलने वाले दुकानदारों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए चालान काट डाले थे। इससे दुकानदारों में प्रशासन का खौफ पैदा हो गया था मगर कुछ महीने बीतने के बाद यह शक्ति नरम होती चली गई। इसके चलते दुकानदारों के मन में भी प्रशासन का खौफ खत्म हो गया। इसके बाद व्यापारी संघ, नगर पालिका परिषद तथा प्रशासन पुनः साप्ताहिक बंदी का सर्वसम्मिति से निर्णय लिया गया लेकिन इसके विपरीत अब साप्ताहिक बंदी के दिन नगर के बाजार गुलजार रहते हैं जब उच्च अधिकारियों का ज्यादा दबाव पड़ता है तो अधिकारी नींद से जागते हैं और बाजारों में घूम कर एकाध दुकानदार का चालान कर अपने काम की इतिश्री कर लेते हैं