कटघोरा: लग्न में लॉकडाउन का साया बावजूद शादियां निबटाने की होड़.. बीते महीने में ही तहसील दफ्तर को मिले एक हजार से ज्यादा आवेदन.. बदलते नियमों कर बीच भी नही कम हो रही अर्जियां..

कटघोरा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) :- देश-प्रदेश का हर इलाका इन दिनों कोरोना वायरस के भीषण संक्रमण से जूझ रहा है. ज्यादातर राज्यो ने जहां कम्प्लीट लॉकडाउन कर दिया है तो वही कुछ राज्यों में सार्वजनिक गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है. बात करे छत्तीसगढ़ की तो फिलहाल राज्य में कोरोना की स्थित बेकाबू हो चुकी है. हर दिन औसतन दस हजार के करीब कोरोना मरीजो की पहचान हो रही है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेश में संक्रमण का दर 30-32 फीसदी साप्ताहिक जा पहुंचा है. यही वजह है कि प्रदेश के लगभग सभी जिलों में लॉकडाउन जारी है. जाहिर है ऐसे सख्ती के बीच हर तरह के कामकाज पर रोक लग चुकी है. ना ही सार्वजनिक आयोजन हो पा रहे है और ना ही परिवहन की छूट मिल रही.

इन सबके बीच लॉकडाउन में शादियों के लेकर लोगो मे काफी रुझान नजर आ रहा है. इनमे से ज्यादातर वैवाहिक कार्यक्रम लॉकडाउन से पहले ही तय हो चुके थे जबकि रामनवमी व नवरात्री में वैवाहिक लग्न होने की वजह से लोगो मे शादियों को जैसे-तैसे निबटाने की होड़ मची है.

बात कटघोरा की ही करे तो मार्च और अप्रेल इन दो महीनों के भीतर ही शहर के तहसील दफ्तर स्थित लोकसेवा केंद्र को एक हजार से ज्यादा शादी की अर्जियां मिल चुकी है. इस तरह प्रति माह तकरीबन पांच सौ आवेदन किये जा रहे है. जानकारी के अनुसार पिछले महीने की पहली तारीख से आज की तारीख तक तहसील दफ्तर 1020 आवेदन हासिल हो चुके है. इनमे से 206 आवेदनों को वापिस ले लिया गया जबकि तकनीकी त्रुटि की वजह से पांच अर्जियों को निरस्त कर दिया गया.

इनमे से जो आवेदन वापिस हुए है उनकी दलील है कि बदलते नियम और सख्त होते कायदे की वजह से या तो उन्होंने शादी कैंसिल कर दिया या फिर उनकी तारीख को आगे बढ़ा दिया गया. दरअसल लॉकडाउन से पहले तक शादियों में शामिल होने के लिए 50 लोगो की अनुमति दी जा रही थी. लॉकडाउन की शुरुआत में यह संख्या 25 हुई जबकि बढ़ते संक्रमण की वजह से यह संख्या सिमटकर दस रह गई. इसी तरह चारपहिया वाहनों में भी सवारियों के लिए नियमन तैयार किया गया है. जिसे लेकर आवेदकों में निराशा है. लोकसेवा कर्मियों ने बताया कि पिछले साल यह आवेदन ऑफलाइन तरीके से एसडीएम कार्यालय में जमा हो रहे थे इसलिए संख्या अपेक्षाकृत कम थी लेकिन इस वर्ष इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया. बहरहाल आवेदनों के मुताबिक आवेदकों को एक से दो दिन के भीतर अनुमति प्रदान की जा रही है. आवेदकों को शादी समारोह में कोविड प्रोटोकॉल के शत प्रतिशत पालन की अपील भी प्रशासन की ओर से किया जा रहा है.

निकल रहा मुहूर्त.. सोच में डूबे पालक.

इस बारे में हमने कई स्थानीय आवेदकों से बात की और उनकी मंशा जानने का प्रयास किया. उन्होंने बताया कि विवाह की तैयारी लॉकडाउन से पहले ही शुरू कर दी गई थी. उन्होंने टेंट, कैटरिंग, बैंड, लाइट और दूसरे साज-सज्जा की बुकिंग भी कर ली थी. इतना ही नही बल्कि रिश्तेदारों के बीच आमंत्रण पत्र भी बांटे जा चुके है जिस वजह से उन्हें मजबूरी में आयोजन सादे तौर पर आयोजित करना पड़ रहा है. एक नई जानकारी के मुताबिक वैवाहिक कार्यक्रमो के लिए जिन निजी-सार्वजनिक भवनों की बुकिंग हुई थी उन्हें भी रद्द कर दिया गया है. नगरपालिका के एक भवन को प्रशासन आइसोलेशन में तब्दील करने में जुटा है जबकि इस भवन की बुकिंग पूरे अप्रेल और मई महीने के लिए कर ली गई थी.

वैवाहिक कार्यक्रम की अनुमति के लिए यह दस्तावेज जरूरी.

● दो प्रतियो का सहमति पत्र आवेदन फॉर्म.
● दूल्हा-दुल्हन का आधार कार्ड.
● आवेदन का आधार कार्ड.
● शादी कार्ड की छाया प्रति.

धनंजय डिक्सेना की रिपोर्ट….