कटघोरा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : शिव आराधना का महापर्व महाशिवरात्रि माघ मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर 1मार्च को मनाया जाएगा। राधासागर टिंगीपुर स्थित शिवमंदिर समिति के अध्यक्ष संतोष गुप्ता ने बताया कि इस महाशिवरात्रि में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक के साथ महाभण्डारे का आयोजन सुनिश्चित किया गया है बतादें इस मौके पर कल्याणकारी शिव योग रहेगा। इसके साथ ही धनिष्ठा नक्षत्र और मकर राशि में चंद्रमा के संयोग में भोले भंडारी का अभिषेक पूजन भक्तों को मनोवांछित फल दिलाएगा। इस अवसर पर कोरोना से बचाव के उपायों के साथ शिव मंदिरों में कई आयोजन होंगे। भोले भंडारी का अलग-अलग स्वरूपों में श्रृंगार होगा। महाशिवरात्रि के दिन सभी शिव मंदिरों में भक्त अपने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव लिंग स्वरुप में प्रकट हुए थे। भगवान सदाशिव ने परम ब्रह्म स्वरुप से साकार रूप धारण किया था।वैदिक पंचाग के अनुसार साल 2022 में महाशिवरात्रि तिथि 1 मार्च, मंगलवार सुबह 3:16 मिनट से शुरू होकर और चतुर्दशी तिथि का समापन 2 मार्च, बुधवार सुबह 10 बजे होगा।
महाशिवरात्रि पूजन का शुभ मुहूर्त:
महाशिवरात्रि के पहले प्रहर की पूजा- 1 मार्च, 2022 शाम 6:21 मिनट से रात्रि 9:27 मिनट तक है।
इस दिन दूसरे प्रहर की पूजा- 1 मार्च रात्रि 9:27 मिनट से 12: 33 मिनट तक होगी।
तीसरे प्रहर की पूजा- 1 मार्च रात्रि 12:33 मिनट से सुबह 3 :39 मिनट तक है।
चौथे प्रहर की पूजा- 2 मार्च सुबह 3:39 मिनट से 6:45 मिनट तक है।
पारण समय- 2 मार्च, बुधवार 6:45 मिनट के बाद।
ज्योतिर्विद आचार्य श्री राजाराम दुबे ( राजपुरोहित ) के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित है। शिव भक्त महाशिवरात्रि के पर्व का वर्षभर इंतजार करते हैं। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक और उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाने से जीवन में आने वाली कई परेशानियों से मुक्ति मिलती है। कुंआरी कन्याएं इस दिन मनचाहे वर के लिए भगवान शिव का व्रत और विशेष पूजा करती हैं।