■ दो महीने के भीतर चैन पार होने की दूसरी घटना. वारदात का तरीका एक जैसा.
■ _भिक्षा मांगने वाली प्रवासी महिलाओं पर संदेह. पूरे दिन डाले रहती है बस स्टैंड परिसर में डेरा.
■ पुलिस ने संदेहियों से थाने लाकर पूछताछ और सतत निगरानी की कही बात.
कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़): स्थानीय बस स्टैंड से निकटस्थ सलोरा गांव जाने निकली महिला को गले मे सोने का जेवर पहनना महंगा पड़ गया. किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसके गले से सोने का चैन पलक झपकते ही पार कर दिया. कुछ मिनट बाद जब महिला का ध्यान उसके आभूषण पर गया तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. उसने फौरन इसकी सूचना अपने बेटे को दी. बेटे ने इस पूरे वारदात की शिकायत लिखित में कटघोरा पुलिस को सौंपी है. आरोपी की तलाश की जा रही हैं.
जानकारी के मुताबिक कटघोरा के टिंगीपुर की रहने वाली ओम बाई केंवट (65) सलोरा जाने के लिए बस स्टैंड पहुंची थी. वह दोपहर करीब 1:30 बजे बिलासपुर से कोरबा के बीच चलने वाले वन्देमातरम बस पर सवार हुई. बस पर बैठने से पहले उसके गले मे सोने का चैन था. बेटे के मुताबिक चैन पीपल पत्ती किस्म का था जिसकी बाजार कीमत तकरीबन 40 हजार के आसपास है. उसने फौरन थाने पहुंचकर इसकी शिकायत सौंपी. पीड़ित महिला के मुताबिक बस स्टैंड में घूम-घूमकर भिक्षा मांगने वाली महिलाओं ने सम्भवतः इस वारदात को अंजाम दिया है.
पिछले महीने भी सामने आया था मामला.
बता दे कि पिछले महीने यानी जनवरी माह के 6 तारीख को भी कटघोरा थाने में एक आवेदन प्रस्तुत हुआ था जिसमे बेलतरा की रहने वाली महिला कटघोरा बस स्टैंड में इसी तह के घटना का शिकार हुई थी. उसके गले से भी किसी ने सोने का कीमती लॉकेट पार कर दिया था. उसने अपने आवेदन में बताया था कि घटना के दौरान उसके आसापास वही महिलाएं मौजूद थी जो बस स्टैंड में भिक्षा मानती रहती है.
संदेही महिलाओं से होगी कड़ी पूछताछ, रखी जायेगी निगरानी.
कटघोरा पुलिस ने घटना की शिकायत के बाद बस स्टैंड में निगरानी कड़ी किये जाने की बात कही है. बताया गया कि निगरानी के साथ ही सभी संदिग्ध महिलाओं को जरूरत पड़ने पर थाना बुलाया जाएगा. पुलिस ने डायल 112 के जवानों को निर्देशित किया है कि वे पूरे दिन बस स्टैंड के आसपास घूमने वालो पर कड़ी निगरानी रखे. साथ ही सन्देह होने पर उनसे पूछताछ भी की जाए. पुलिस भी मानती है कि जंक्शन होने की वजह से हर दिन बड़ी संख्या में प्रवासियों का आना-जाना लगा रहता है. यहां से हर दिन दर्जनों की संख्या में दीगर प्रांतों के लिए बस रवाना होती है ऐसे में कटघोरा नगर का बस स्टैंड अपराधियों के आमदरफ्त के लिहाज से भी काफी संवेदनशील है.
भिक्षावृत्ति उन्मूलन का नही दिख रहा असर.
शासन अपने स्तर पर समाज में व्याप्त विभिन्न बुराइयों को दूर करने के लिए प्रयासरत रहती है. बीते कुछ दशक में भिक्षावृत्ति भी समाज की एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरी है. गरीबी और बेरोजगारी का दंश झेल रहा एक बड़ा वर्ग अपनी आजीविका के लिए भिक्षा मांगने पर निर्भर है. पुनर्वास या अन्य माध्यम से सरकार उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने का प्रयास करती है. इसी तरह भिक्षावृत्ति के लिए मानव तस्करी के मामले भी सामने आते रहे है. हालांकि ऐसे प्रकरण पर पुलिस गंभीरता से प्रयास करती है लेकिन प्रशासन या स्थानीय निकायों की ओर से भिक्षाटन के उन्मूलन के लिए प्रयास नजर नही आ रहा है. आलम यह है कि बड़े शहर से लेकर उपनगरीय क्षेत्र व ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या भब भिक्षुक भिक्षा मांगते नजर आते है. इनमे छोटे बच्चों से लेकर अधेड़ उम्र के लोग भी शामिल है. इन्ही में से कई ऐसे भिक्षुक भी होते है जो सुरक्षा इंतजामो में सेंध लगाकर या भीड़भाड़ वाले इलाकों में मौका पाकर इस तरह के वारदातो को अंजाम देते है. फिलहाल कटघोरा नगर में भी दर्जनों की संख्या में भिक्षुक देखे जा सकते है.