कटघोरा: नही थम रहा नेशनल हाइवे निर्माण में जमीन से जुड़े गड़बड़ी और कूटरचना का सिलसिला.. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दस लोगो के खिलाफ किया मामला दर्ज..

कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): पतरापाली से कटघोरा के बीच जारी नेशनल हाइवे (फोरलेन) निर्माण के लिए अधिग्रहित हुए जमीन को लेकर हर दिन गड़बड़ी और कूटरचना के मामले सामने आ रहे है. जमीन अधिग्रहण से लेकर अब तक दर्जनों मामले सामने आ चुके है जिनमे अधिग्रहित जमीनों की खरीदी-बिक्री, बटांकन, नामांतरण, हस्तांतरण जैसी प्रक्रियाओं में भारी गड़बड़ियां पाई गई है. इनमे से ज्यादातर मामलों में जांच चल रही है तो कई दूसरे मामलों में सरकारी मुलाजिम भी नप चुके है. सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में निर्माण क्षेत्र में सेवारत पटवारी और राजस्व निरीक्षक है. कटघोरा थाने में दर्ज नए मामले में भी दो पटवारियों को आरोपी बनाया गया है जबकि एक राजस्व निरीक्षक जिसकी मौत हो चुकी है वह भी नामजद है. कटघोरा थाना क्षेत्र के सुतर्रा से जुड़े यह जमीन सम्बन्धी मामले परिवाद के तौर पर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत हुए थे लेकिन सुनवाई के दौरान इसकी गंभीरता को देखते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट साक्षी दीक्षित ने कटघोरा पुलिस को इन प्रकरणों पर संबंधित लोगो के खिलाफ भादवि की धारा 420 के तहत मामला कायम करते हुए आरोपियों के विरुद्ध जांच के आदेश दिए है. दोनों ही प्रकरण सुतर्रा क्षेत्र में हुई भू-सम्बन्धी फर्जीवाड़े से है.

पहले मामले में लखनपुर की रहने वाली शकुंतला बाई पति किशुन गोंड़ ने आवेदन के माध्यम से बताया था कि गेंदराम नामक व्यक्ति के द्वारा शासकीय पट्टे के तौर पर मिली जमीन 24/08 रकबा 0.506 हेक्टेयर की जगह खसरा नम्बर 524/1 (ख) रकबा 0.506 जमीन के कूटरचना करते हुए फर्जी दस्तावेज बना लिया गया है. इतना ही नही बल्कि जिले के अपर कलेक्टर से तथ्यों को छिपाकर उक्तजमीन की बिक्री की अनुमति भी हासिल कर ली गई है. इस मामले में प्रार्थिया ने तत्कालीन हल्का पटवारी व एक अन्य नरेंद्र कुमार नाम के शख्स के इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था. पुलिस ने इस प्रकरण में माननीय न्यायालय के आदेश पर गेंदराम समेत कटघोरा निवासी नरेंद्र कुमार व पूर्व हल्का पटवारी बीएस ध्रुव के खिलाफ भादवि की धारा 420, 120 बी, 467, 468, 471, 34 के तहत अपराध दर्ज करते हुए मामले की विवेचना शुरू कर दी है.

इसी तरह के एक अन्य मामले पर भी कोर्ट ने पुलिस को विवेचना के आदेश दिए है. इस प्रकरण में भी सुतर्रा के रहने वाले तिहारु राम पिता दख़लू राम ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि सुतर्रा का खसरा क्रमांक 162 रकबा 0.688 हेक्टेयर एवं 162/01,162/02,162/03,162/04,162 व 5,162 से जुड़े कूटरचित आवेदन शासन को भेजे गए थे जिन वजहों से प्रार्थी को ना ही मुआवजा मिल सका और न ही कोई अन्य लाभ. इस मामले में भी कोर्ट ने पुलिस को जांच के निर्देश दिए. कटघोरा पुलिस ने प्रकरण में कौशिल्या बाई पिता चतुर सिंह गोंड़, चतुर सिंह पिता जिरोधन सिंह, बलवान सिंह पिता बोधन सिंह, विक्रम सिंह, पिता बोधन सिंह, हल्का पटवारी जितेंद्र पटेल व पूर्व राजस्व निरीक्षक जवाहर लाल मार्को को आरोपी बनाया है. गौरतलब है कि राजस्व निरीक्षक जवाहर लाल मार्को के पिछले वर्ष निधन हो गया है. इन सभी के खिलाफ भी भादवि की धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत अपराध कायम किया गया है.

गड़बड़ी और कूटरचना के आरोप में पटवारी से लेकर मृत आर.आई. भी आरोपी.

कोर्ट ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए कटघोरा पुलिस को विवेचना के दिये निर्देश.

दोनों ही प्रकरणों में सभी दस के खिलाफ 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध.

पिछले साल सितंबर और दिसम्बर में प्रथम श्रेणी न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था परिवाद.