कोरबा/कटघोरा 22 मई 2023 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : आज के वर्तमान युग में लोग व्यसन एवं नशे की लत से अंधकार के गर्त में चले जा रहे हैं ना जाने कितने पुणे और सत्कर्म के प्रभाव से मनुष्य जन्म प्राप्त होता है। वेद शास्त्रों में लिखा गया है कि मनुष्य जीवन प्राप्त करने हेतु देवता भी तरसते हैं, ऐसे अनमोल जीवन को सही ढंग से जीने की बजाय गलत संगत में पड़कर व्यसन के जाल में फंस जाते हैं। व्यसन प्रारंभ में तो अच्छे लगते हैं किंतु यह व्यसन मनुष्य को अंधकार के गर्त में ले जाते हैं और मनुष्य अपना सर्वनाश तो करता ही है बल्कि अपने परिवार का भविष्य भी अंधकार में कर देता है। व्यसन एवं नशा से पारिवारिक प्रतिष्ठा पर भी काफी आंच आती है। मनुष्य जब इस व्यसन के जकड़ में आता है तो वह उस व्यसन को छोड़ना चाह कर भी नहीं छोड़ पाता है तथा दुखों के संसार में स्वयं वह अपने परिवार को धकेल देता है। आज के समय में मनुष्य को समाज में अच्छी प्रतिष्ठा पानी है तो व्यसन से कोसों दूर रहना ही समझदारी है और कल्याणकारी भी है।
शराब का चलन आजकल फैशन बन गया है इसके साथ ही कई प्रकार के मादक पदार्थ गांजा, शराब, अफीम, तंबाकू, नशीले इंजेक्शन इत्यादि के गिरफ्त में छोटी उम्र से लेकर बड़े बूढ़े तक इस व्यसन रूपी जाल में फंसे हुए हैं। इस सभी नशे की आदतों से छुटकारा पाकर जीवन को उच्च स्तर का बनाने हेतु सत्संगों ने कई प्रकार के आयुर्वेदिक नुस्खे भी तैयार किए हैं, ताकि नशे से मुक्ति मिल सके।
इसी तारतम्य में कटघोरा के प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान देव पूजन सामग्री के संस्थापक पंडित देव दुबे जी द्वारा इस सामाजिक बुराइयों की जड़ नशे से मुक्ति दिलाने हेतु एक सुंदर प्रयास शुरू किया गया है। जिसके तहत प्रसिद्ध सत्संगों, गुरुओं द्वारा प्राप्त आशीर्वाद तथा इस कलयुग के काल में सर्व व्यापी श्री हनुमान जी की कृपा के माध्यम से नशे के गिरफ्त से मुक्ति दिलाए जाने हेतु संकल्प लिए हैं। श्री देव दुबे जी ने बताया कि नशे के आदी हो चुके लोगों को मुक्ति दिलाए जाने हेतु सत्संग गुरुजनों और हनुमान जी की कृपा आश्चर्य ढंग से प्रभाव दिखाती है। जिसके लिए उन्होंने संकल्प लिया है कि वह जन जन तक अपने गुरुजनों से प्राप्त आशीर्वाद को वितरित कर नशे से मुक्ति दिलाने का कार्य करते रहेंगे। साथ ही अन्य सामाजिक कार्यों को पूर्ण कराने जाने एवं नशे से मुक्ति दिलाने हेतु यह तत्पर रहेंगे। उनका कार्य पूर्ण जनकल्याण के लिए होगा जिसके लिए उनके देवस्थल, वार्ड नं 10 पुरानी बस्ती पर आम जनों को उपस्थिति देना अनिवार्य होगा।