कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) शारदा पाल / कटघोरा :- हाल ही में हुए किसान मेले का आयोजन नगर पालिका कटघोरा द्वारा मेला ग्राउंड में कराया गया था। रविवार के दिन से ही मेला समाप्त हो गया है, लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद भी नगर पालिका परिषद के जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि ग्राउंड की सफाई में कोई विशेष रूचि लेते नहीं दिख रहे हैं। जान कर आश्चर्य होगा कि मेले के आयोजन से लाखों रुपए की गाढ़ी कमाई करने वाला नगर पालिका परिषद जब सफाई करने की बारी आई , तो अपना पलड़ा झाड़ लेती है।
शासन की मनसा पर ही पानी फेरते दिखे कर्मचारी,प्लास्टिक पर प्रतिबंध होने के बावजूद भी धड़ल्ले से किया गया इस्तेमाल,अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक दिखे ख़ामोश…
एक तरफ जहां पूरे देश में प्लास्टिक पर बैन लगा हुआ है, लेकिन नगर पालिका परिषद के ही आयोजन में प्लास्टिक का खुलेआम इस्तेमाल किया गया। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंख बंद किए अपने दफ्तर में बैठे रहे। यहां बताना लाजमी होगा कि इस मेले में बिना किसी परमिशन के चलने वाला मौत कुआं में एक जबरदस्त हादसा भी हुआ था, जिसमें एक युवक घायल हुआ था। तब भी सीएमओ साहब खामोश बैठे थे और आज जब आयोजन समाप्त हो गया है तो इसी जगह से मोटी कमाई कर साफ सफाई कराने के बजाय यहां से दूरी बना ली है।
प्रदेश का इकलौता भारत माता मंदिर को भी नहीं बख्सा गया, कचड़ों का लगा हुआ है अम्बार
आजादी के दीवानों ने यहां भारत माता मंदिर की स्थापना की थी, तब से ही किसान मेले के रूप में हर साल 26 जनवरी के दिन से शुरू होकर 15 दिनों तक यहां मेले का आयोजन होता है। आसपास के 50 किलोमीटर के लोग मेले का आनंद उठाने यहां पहुंचते हैं, और लाखों का कारोबार भी होता है। विडंबना यह है कि भारत माता मंदिर के सामने ही कचड़ा का अंबार लगा हुआ है।
स्कूली बच्चों पर मंडरा रहा है महामारी का खतरा, गंदगियों के बीच खेलने को मजबूर हैं बच्चें
मेला ग्राउंड के आसपास शैक्षणिक संस्थान भी हैं और छात्रावास भी, यहां रहने वाले बच्चे भी काफी परेशान हैं और उन्हें बदबू का सामना और बीमार पड़ने का डर भी सता रहा है। जब हमने इस संबंध में जानकारी लेने नगर पालिका परिषद के सी एम ओ साहब से मिलने गए तो, पता चला कि साहब तो छुट्टी पर है। साहब के नहीं होने की वजह से दोपहर के 12:00 बज रहे थे लेकिन दफ्तर में छोटे कर्मचारियों को छोड़ दिया जाए तो कोई जिम्मेदार अधिकारी नजर नहीं आ रहा था। कुर्सियां खाली पड़ी हुई थी, अब इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है।
स्थानीय कर्मचारियों के तानासाह रवैये का शिकार हैं कटघोरा की जनता
नगर की सफाई के जिम्मेदार विभाग के कर्मचारी कितने लापरवाह और तानाशाह हो गए हैं, जिसका परिणाम यहां की जनता को झेलना पड़ रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि स्वच्छता अभियान को लेकर गंभीर दिखने वाली जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करती है?
सफाई कर्मचारियों के अड़ियल रवैये की वजह से कटघोरा नगरवासी होते हैं परेशान, समय पर सफाई नही होती है
नए अध्यक्ष के आने से नगर के लोगों को उम्मीद थी कि साफ सुथरा रहेगा हमारा शहर, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी अध्यक्ष ने साफ सफाई पर नहीं दिखाई कोई विशेष रुचि….