कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- कटघोरा विकासखंड के ढेलवाडीह स्थित एक चर्चित स्कूल की मान्यता पर अब तलवार लटक रही है. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ से इस स्कूल के प्रबंधकों को सख्त नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा गया है. प्रबंधन के जवाब से यदि विभाग सन्तुष्ट नही होता तो विद्यालय की मान्यता खतरे में पड़ सकती है. स्कूल मैनेजमेंट पर आरोप है कि उन्होंने लॉकडाउन नियमावली का उल्लंघन करते हुए स्कूल के पट खोले थे और पालको को स्कूल तलब किया गया था. मामला इसलिए भी गंभीर माना जा रहा है क्योंकि यह स्कूल जिस क्षेत्र में मौजूद है वहां बड़ी संख्या में कोरोना से संक्रमित मरीजो की पहचान हुई है लिहाजा स्थानीय प्रशासन ने उक्त क्षेत्र को माइक्रो कंटेन्मेंट घोषित करते हुए आवाजाही पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है.
इस बारे में हमारे क्षेत्रीय प्रतिनिधि ने बताया कि ढेलवाडीह में एक बीकन नाम से एक निजी शिक्षण संस्थान का लम्बे वक़्त से संचालन हो रहा है. इस स्कूल की प्राचार्य मीना शर्मा है. मीना शर्मा एक राजनीतिक दल की जिला पदाधिकारी भी है. बताया गया कि स्कूल की प्राचार्या की निर्देश पर कुछ दिनों से स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के पालको को सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना देते हुए स्कूल बुलाया गया था. इसके अलावे स्कूल का स्टाफ भी परिसर में मौजूद था. स्कूली बच्चों को विद्यालय की तरफ से एक असाइनमेंट सौंपा जा रहा था जिसे ऑनलाइन तरीके स्कूल में जमा करना था. चूंकि शासन ने पहले ही कक्षा पहली से नवमी तक के छात्र-छात्राओं को जनरल प्रमोशन दे दिया है ऐसे में स्कूली बच्चों का स्कूल पहुंचना लोगो को संदिग्ध प्रतीत हुआ. जानकारी जुटाने पर बताया कि गया कि यहां पूरी कवायद बच्चों से स्कूली फीस वसूलने के लिए की जा रही थी. उनहे बताया गया था कि उन्ही स्टूडेंट्स को असाइनमेंट सौंपा जाएगा जो अपनी फीस अदा करेगा.
इस बात की भनक जैसे ही जिले के शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार पांडेय को मिली उन्होंने प्रबन्धको से चर्चा करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. जांच में यह भी पाया गया कि पालकगण बड़ी संख्या में स्कूल परिसर में जुटे हुए है जिससे कोविड नियमो का भी उल्लंघन हो रहा है. हालांकि प्राचार्य मीना शर्मा ने बच्चों को स्कूल नही बुलाया था. डीईओ कार्यालय का कहना है कि मैनेजमेंट को शो कॉज रिलीज करते हुए जवाब मांगा गया है. विभाग यदि उनके जवाब से संतुष्ट नही हुआ तो स्कूल की मान्यता बनाये रखने पर विचार किया जाएगा. हमने इस बारे में अधिक जानकारी के लिए खंड अधिकारी से सम्पर्क का प्रयास किया लेकिन हो नही सका.
कोरोना विस्फोट के लिए चर्चित रहा ढेलवाडीह का आवासीय परिसर.. बड़ी संख्या में मिले थे संक्रमित.
बता दे कि पिछले साल के अक्टूबर महीने में ढेलवाडीह में कोरोना का बड़ा विस्फोट सामने आया था. यहां के एसईसीएल कॉलोनी जहां की आबादी करीब चार हजार है वहाँ महज बीस दिनों के भीतर ही ढाई सौ से ज्यादा कोविड मरीजो की पहचान की गई थी जिसके बाद पूरे परिसर को ब्लॉक करते हुए क्षेत्र को कन्टेनमेंट घोषित कर दिया गया था. हालांकि जांच और उपचार के बाद स्वास्थ्य विभाग ने यहां के बिगड़े हालात पर काबू पा लिया था. लेकिन फिर से एक बार क्षेत्र में जिम्मेदार लोगों की लापरवाही सामने आ रही है जबकि नए मरीजो के मिलने का सिलसिला एक बार फिर से जोर पकड़ने लगा है. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर ढेलवाडीह को माइक्रो कंटेन्मेंट एरिया घोषित किया है ऐसे में यदि फिर से लोगो का असुरक्षित तरीके से जमाव होता है तो संक्रमण की आशंका बढ़ सकती है.