कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़)हिमांशु डिक्सेना : अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है. विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है. विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
आज छ्त्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ कटघोरा द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 50 महिलाओं को ” कोरोना योद्धा सम्मान” पुरुष्कार से सम्मानित किया गया. जिसमें स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, महिला बाल विकास एवं नगर पालिका परिषद की महिला कार्यकर्ताऑ का सम्मान किया गया. कोरोना काल में कटघोरा में कोरोना के सबसे अधिक संक्रमित मरीज मिलने से राज्य का पहला हॉटस्पॉट बन से यहां पर पूर्णतः लॉक डाउन की स्थिति निर्मित हो गई थी इस समय महिला कर्मचारियों ने अपनी जान को जोखिम में रख कर जो अपनी सेवा का परिचय दिया था वह प्रशंसनीय थी.
छ्त्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ ने आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इन कोरोना योद्धाओं के सम्मान के लिए मुख्य अतिथि के रूप में विधायक पुरषोत्तम प्रमिला कंवर एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य मीरा रामशरण कंवर, नोहर कंवर, कटघोरा DFO शमा फारूकी, कांग्रेस कमेटी ग्रामीण की अध्यक्ष भावना जायसवाल, नगर पालिका के अध्यक्ष रतन मित्तल, कटघोरा उप थाना प्रभारी अशोक शर्मा एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कटघोरा खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ रुद्रपाल सिंह कंवर ने की.
महिला समाज और घर का अहम हिस्सा है.
सम्मान समारोह में पुरषोत्तम प्रमिला कंवर ने अपने उद्बोधन में सबसे पहले उन्होंने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर नगर की सभी कोरोना योद्धा महिलाओं को बधाई दी. और कहा कि वे स्वयं कटघोरा के बेटी हैं आज उन्हें अपने ही नगर में मंच पर बोलने का अवसर मिला है घर सिर्फ दीवारों और साज़-सामान से नहीं बनता, बल्कि घर औरत से मुकम्मल होता है। महिलाएं घर परिवार का अहम हिस्सा होती है। लड़की मां-बाप के घर में बेटी बनकर पैदा लेती है तो घर की रौनक बनती हैं। पति के घर जाती है तो उसकी जिंदगी और उसके घर को रौशन करती है। जिस घर में औरत का वास नहीं वो घर बेहद सूना और खालीपन से भरा होता है। हर लड़की मां, बहन और बेटी के रूप में पहले अपने बाप के घर की रौनक बनती है फिर अपने पति के घर की रौनक बनती है। महिलाएं समाज और घर का अहम हिस्सा है इसलिए उनका सम्मान भी जरूरी है।
महिलाएं आज भी अपने सम्मान की लड़ाई लड़ते हुए नजर आती है.
कटघोरा DFO शमा फारूखी ने अंतररष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई देते हुए अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि हमारा समाज जितना भी जागरूक हो जाए, लेकिन आज भी महिलाएं अपने सम्मान के हक की लड़ाईयां लड़ते हुए नजर आती हैं. ऐसे में महिलाओ को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसी चीजों के प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है.जब हमारे समाज में महिलाओं को बराबरी का हक मिलेगा, वो सम्मान से इस समाज में रह पाएंगी, तभी तो हमारा समाज एक सभ्य समाज कहलाएगा.
छ्त्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ कटघोरा द्वारा किये गए इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला कोरोना योद्धा सम्मान के लिए सभी इस ऐतिहासिक कदम के लिए श्रमजीवी पत्रकार संघ के सदस्यों की तारीफ की और कहा कि पत्रकार आज खबरों की भीड़ से निकल कर महिलाओं के सम्मान के विषय पर सोचा वह बहुत ही प्रशंसनीय है.
आज के इस अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के सम्मान कार्यक्रम में छ्त्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष राहुल डिक्सेना, जिला कोषाध्यक्ष हितेश अग्रवाल, जिला उपाध्यक्ष कृष्णगोपाल मित्तल, छ्त्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के कटघोरा ब्लॉक अध्यक्ष शशिकांत डिक्सेना, उपाध्यक्ष शारदा पाल, सचिव आशुतोष शर्मा, कोषाध्यक्ष सत्या साहू, सहसचिव आकाश मनकर, रामचरण साहू, रोशन सारथी, अरविंद शर्मा, धनंजय डिक्सेना, अनिल पाल, विकास सिंह एवं बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही.