कटघोरा : गढ़ कलेवा में श्रीया महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं ने मनाया ममतामयी माता मिनीमाता की पुण्यतिथि.. पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि.

कोरबा/कटघोरा 12 अगस्त 2023 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : आज दिनांक 11 अगस्त 2023 दिन शुक्रवार को श्रीया महिला स्व सहायता समूह द्वारा ममतामई माता मिनीमाता जी के पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

श्रद्धांजलि सभा के पूर्व समूह के अध्यक्ष श्रीमती नीलम सोनी द्वारा मिनीमाता जी के जीवन पर प्रकाश डाला गया। समूह अध्यक्ष द्वारा अपनी समूह की महिला सदस्यों को बताया गया मिनीमाता जी का नाम मीनाक्षी देवी था ,इनका जन्म स्थान नवागांव असम में हुआ ।जनता द्वारा प्रदान नाम गुरु माता जन्म दिनांक 15 मार्च 1916 पिता का नाम महंत बुधवारी दास ,माता जी का नाम देवमती , पति गुरु अगम दास जी कार्य क्षेत्र सांसद राजनीति एवं सेवा क्षेत्र निधन 11 अगस्त 1972 को हुआ।

अकाल की स्थिति में पलायन कर मिनीमाता के दादाजी जीविकोपार्जन के लिए छत्तीसगढ़ के मुंगेली ग्राम सगुना असम के चाय बागान दौलतपुर से विस्थापित हो गए। मिनीमाता की सातवीं कक्षा तथा प्राइमरी तक स्कूल तक शिक्षा असम में ही हुई, इसके बाद मैट्रिक तक की शिक्षा उन्होंने छत्तीसगढ़ से ग्रहण की उन्हें हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, छत्तीसगढ़ी भाषा का बहुत ही अच्छा ज्ञान था। छत्तीसगढ़ में समाज के प्रति लोगों का हाल-चाल जानने के लिए समाज के धर्मगुरु असम के चाय बागान जाया करते थे। ऐसे ही एक समय तत्कालीन गुरु अगमदास जी दौलतपुर पहुंचे जिनकी कोई भी संतान नहीं थी और महंत ने उन्हें पुनर विवाह करने का आग्रह किया था वही महंत बुधवारी दास की कन्या मीनाक्षी का विवाह 1932 में गुरु अगम दास जी से हुआ इस तरह से साधारण परिवार में जन्मी एक कन्या गुरु पत्नी अर्थात माता पद को प्राप्त हुई इसके बाद मिनीमाता गुरु के साथ छत्तीसगढ़ वापस आ गई। 1955 उपचुनाव जीत कर सर्वप्रथम महिला सांसद बनने का गौरव प्राप्त हुआ ।1957 में संयुक्त संसदीय क्षेत्र रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग से जीतकर संसद बनी ।1965 में बलौदा बाजार क्षेत्र से जीत कर दिल्ली में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व की। 1967 में जांजगीर संसदीय क्षेत्र से पिछले बार से ज्यादा मत प्रतिशत से जीत कर संसद में अपना दमदार प्रतिनिधित्व का लोहा मनवाई।

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा मिनीमाता के नाम पर कुछ सुविधा संचालित की जाती है जैसे उनके नाम पर छत्तीसगढ़ विधानसभा का नाम मिनीमाता पर है। महिलाओं के उत्थान के लिए प्रति वर्ष राज्य अलंकरण पुरस्कार का वितरण छत्तीसगढ़ में सेवारत महिलाओं के लिए मिनीमाता महिला उत्थान सेवा पुरस्कार के रूप में किया जाता है। मिनीमाता के द्वारा समाज के लिए किए गए कार्य जैसे- पिछड़ापन, छुआछूत, गरीबी, अशिक्षा को समाज से दूर करने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन ईसी कार्यों में लगा दिया था। मजदूरों के उत्थान नारी शिक्षा के साथ काम करने के साथ ही दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को इन्होंने संसद तक आवाज उठाई थी। कृषि तथा सिंचाई के लिए छत्तीसगढ़ में हसदेव बांध परियोजना भी इन्हीं की दूरदृष्टि का परिणाम है ।भिलाई इस्पात संयंत्र में लोगों को प्रशिक्षण और रोजगार कराने की दिशा में भी उन्हें याद किया जाता है।

महिलाओं के साथ-साथ उनके बाल कल्याण के लिए योगदान अध्ययन के साथ ही ग्रामीणों को स्वच्छता का संदेश उनका सहयोग ग्रामीणों के विकास के लिए एक अहम योगदान था समाज में व्याप्त अव्यवस्थाओं से लड़ने में उन्होंने सबसे अधिक योगदान दिया। इसी प्रकार उनका जीवन परिचय समूह के अध्यक्ष नीलम सोनी द्वारा अपने समूह की महिलाओं को बताया गया एवं यह कहा गया कि आज के दिन हम उनको श्रद्धांजलि देते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लें और सब हम मिलकर के समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में अपनी पहल करें। कार्यक्रम के अंत में समूह की महिलाओं द्वारा 2 मिनट मौन रहकर के उनको श्रद्धांजलि दी गई।