हिमशु डिक्सेना ( कटघोरा ) :-घर से माता-पिता को स्कूल के लिए बाय कहकर निकलने वाले बच्चों को यह पता नहीं होता कि उनका सफर कैसा होने वाला है। स्कूल जाने से पहले अभिभावक हंसी-खुशी बच्चों को स्कूल भेजते हैं, लेकिन उन्हें यह अंदाजा नहीं होता है कि यह बच्चे बाइक पर इतनी तेज गति से बाइक चलाएंगे की कहीं कोई अनहोनी घटना घट सकती है।10 से 14 साल के बच्चे फर्राटे से बाइक दौड़ाते हुए स्कूल पहुंच रहे हैं। इस तरह छोटी उम्र में बच्चे बड़ा खतरा उठाकर हादसे का शिकार भी हो रहे हैं। विडंबना है कि इनके पालक ही बच्चों को बाइक थमा रहे हैं…
ट्रैफिक पुलिस यदि ऐसे बच्चों पर कार्रवाई करे, तो पालक ही विरोध करने पहुंच जाते हैं। नेतागिरी के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाती है। बच्चे तो बच्चे, पालक भी एक बाइक पर 3 से 4 बच्चों को बिठाकर स्कूल लाना ले जाना कर रहे हैं यह नजारा आपको बताने के लिए काफी होगा कि कैसे पालक भी नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं एक-दो नहीं बल्कि 3 -4 बच्चों को बिठाकर स्कूल छोड़ा जाता है अगर रास्ते में कोई घटना घटती है तो इसके जिम्मेदार कौन हैं…