कटघोरा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) हिमाशु डिक्सेना : – छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपने दो दिवसीय प्रवास पर कोरबा जिला पंहुचे, सबसे पहले वे पोंडी उपरोड़ा के महोरा में बने आदर्श गौठान का निरीक्षण करने पंहुचे जहां उनकी अगुवाई विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, कोरबा सांसद ज्योत्स्ना महंत जिला कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, पाली तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा कसडोल विधायक ने की.
दोपहर अपने निर्धारित समय से विलंब उड़नखटोले से महोरा पंहुचे CM भूपेश बघेल ने आदर्श गौठान का निरीक्षण किया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गौठान में ग्रामीणों से रूबरू हुए और महिला समूह द्वारा किये गए कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने स्थानीय पशुपालकों से विक्रय किये गये गोबर की मात्रा एवं कितनी राशि बैंक खाते में आई, इसकी जानकारी ली। ग्राम के कृषक एवं पशुपालक ने मुख्यमंत्री को बताया कि अब तक लगभग 4 माह में गोबर बिक्री 5 हज़ार रुपये महीना कमा लेते है जिसका भुगतान समय पर बैंक खाते में प्राप्त हो गया है। गोबर विक्रय से प्राप्त हुई राशि से उन्होंने गेहूँ बीज तथा खाद की खरीदी की है, वर्मी कम्पोस्ट के संबंध में चर्चा करते हुए उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि गौठान में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट का जैविक कृषि हेतु अधिक से अधिक उपयोग में लाना है तथा शेष खाद बच जाने पर सहकारिता के गोदाम में जमा करने और उसकी राशि का भुगतान संबंधित समूहों को करने का निर्देश कलेक्टर को दिए। गोदाम में जमा किये हुए जैविक खाद को वापस किसानों को विक्रय किया जावेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर 8 रूपये से बढ़ाकर 10 रूपये प्रति किलोग्राम तय की गई है।
गौठान में लगे स्टॉल का किया अवलोकन
महोरा आदर्श गौठान में विभिन्न महिला स्वसहायता समूहों द्वारा स्टाल लगाकर उनके द्वारा निर्मित सामाग्री को रखा था CM भूपेश बघेल ने उनका अवलोकन किया तथा सभी स्टॉल में जाकर महिला समूहों से मुलाकात की. महिला समूहों द्वारा गोबर से बने दिए, गमले व गोबर से बने सुगंधित गुलाल को देख CM बघेल ने प्रशंसा की और कहा छत्तीसगढ़ राज्य में गोबर से बनने वाले उपयोगी सामानों को दूसरे राज्यों के लिए एक उदहारण है. छ्त्तीसगढ़ पूरे भारत में एक राज्य है कि जहां सरकार गोबर खरीद कर इसका लाभ सीधे किसानों तक पहुचाने की योजना सरकार द्वारा बनाई गई है.मुख्यमंत्री ने कहा कि गोठान कोई नया प्रयोग नहीं है। यह हमारे छत्तीसगढ़ की प्राचीन परंपरा का एक अभिन्न अंग रही है, जिसे हमने व्यवस्थित स्वरूप प्रदान करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि गोठान में गायों के नस्ल सुधार के साथ किसानों की आय बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने इस दौरान स्व सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा कर गो मूत्र, गोबर, नीम आदि से निर्मित कीटनाशक और जैविक खाद की जानकारी ली।