कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) :- आज दोपहर जिले के सबसे बड़े अनुविभाग कटघोरा पहुंची जिला कलेक्टर व दंडाधिकारी किरण कौशल ने अपने प्रवास के आखिर में तहसील परिसर में बनाये गए नियंत्रण कक्ष का जायजा लिया. यहां उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों से भेंट करते हुए उनके विभागीय कामकाज की भी समीक्षा की. जिलाधिकारी किरण कौशल ने मीडियाकर्मियों से भी भेंट करते हुए कोविड उन्मूलन से जुड़े सवालों का जवाब दिया साथ ही कोरोना के खिलाफ शासन और प्रशासन की रणनीतियों को सामने रखा.
डोर-टू-डोर मरीजो की पहचान और शीघ्र उपचार प्रशासन की प्राथमिकता.
जिलाधीश ने बताया कि वे शीर्ष अफसरों के साथ जिले भर का दौरा कर रही है. वे अफसर, मरीज और मरीजो से सीधा संवाद करते हुए स्थिति को समझने का प्रयास कर रही है. इसी सिलसिले में वे आज कटघोरा पहुंची है. जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन का सबसे पहला प्रयास लोगो को इस महामारी के बीच सुरक्षित रखना है. इसके लिए जरूरी है कि कोरोना संक्रमित मरीज को बीमारी के शुरुआती चरण में ही स्वस्थ किया जा सकेगा ताकि उसे अस्पताल भेजने की स्थिति ना आये. उन्होंने महसूस किया है कि अस्पताल दाखिले के बाद मरीजो की स्थिति अधिक बिगड़ रही है. पहले से किसी अन्य बीमारी से ग्रसित मरीजो की मौत की आशंका भी अधिक रहती है इसलिए समय से पहले बीमारी पर काबू पा लेना पहला प्रयास है. इसके लिए डोर-टू-डोर सर्वे कर लक्षणरहित या शुरुआती लक्षणों वाले मरीजों की पहचान करना, उन्हें होम आइसोलेट करना अथवा अस्पताल पहुंचकर उपचार शुरू करना प्राथमिकताओ में है. आज होम आइसोलेशन से सम्बंधित चर्चा में भी अफसरों को इस दिशा में प्रयास के निर्देश दिए गए है. जिला कलेक्टर ने बताया कि इनके अलावा उनकी प्राथमिकताओं में जिले भर में लागू लॉकडाउन को प्रभावी ढंग से लागू करना भी है. अलग अलग टीमें इसके लिए जुटी हुई है. जिलाधीश ने कटघोरा के रहवासियों से अपील किया कि प्रशासन के कोरोना से निबटने के लिए आम लोगो के सहयोग की जरूरत है. सभी इस कठिन दौर में लॉकडाउन का पालन करें, कोरोना नियमो का पालन करे. खुद को सुरक्षित रखकर ही हम सभी अपने परिवार, समाज को सुरक्षित रख सकते है.
सीपेट में बढ़ी बिस्तर सुविधाएं, पाली-पोंडी-कटघोरा के मरीजो को मिलेगा लाभ.
ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रो में कोविड केयर सेंटर के विस्तार के सवाल पर कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने पोंड़ी-उपरोड़ा में आइसोलेशन सेंटर स्थापित किया है. यहां शुरुआती लक्षण वाले मरीजो को रखा जा रहा है. यहां के सेंटर में आपात हालात के लिए ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की गई है. इसी तरह कटघोरा का सेंटर भी लगभग तैयार हो चुका है. जिला मुख्यालय के अस्पताल बेहतर ढंग से काम कर रहे है. ट्रॉमा सेंटर का भी अधिग्रहण कर लिया गया है जबकि ईएसआईसी में सर्वसुविधायुक्त बिस्तरों के साथ कोरोना मरीजो का उपचार जारी है. पिछले दिनों प्रशासन ने स्याहीमूड़ी के सीपेट में भी 150 से 200 तक बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गई है. इसका सीधा फायदा पोंड़ी, कटघोरा और पाली रीजन के कोविड मरीजो को मिल सकेगा.
जिले में हफ्ते भर के भीतर आरटी-पीसीआर लैब की शुरुआत सम्भव.
जिले में टेस्टिंग किट की कमी के सवाल पर कलेक्टर ने बताया कि जिले में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने आरटी-पीसीआर लैब की स्थापना की जा चुकी है. यहां एचआर की ट्रेनिंग जारी है ट्रेनिग खत्म होते ही आने वाले एक हफ्ते या दस दिनों के भीतर लैब में काम शुरू हो जाएगा. जहां तक कोरोना किट के माध्यम से जांच का सवाल है तो उनका प्रयास है कि जांच का अनुकूलतम प्रयोग किया जाये. जिला कलेक्टर ने साफ किया कि किट जांच से पहले ही मरीजो को लक्षण के आधार पर पहचान करना, उन्हें दवाएं देना और इलाज की शुरुआत पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है.
धनंजय डिक्सेना की रिपोर्ट…